-
-
- मॉनसून की अगात के साथ जब लोग बिचड़ा डालने के लिए थे परेशान तब इस गांव के लोगों ने शुरू कर दी थी धान की रोपनी
- आने वाले दिनों में इस गांव के किसानों के प्रयास जिले के किसानों के लिए होगा अनुकरणीय
-
बिहारशरीफ (आससे)। जिले के किसान जहां कभी अनावृष्टि तो कभी अतिवृष्टि का रोना रो रहे है तो कहीं किसान उर्वरक की किल्लत से परेशान है। लेकिन इसी जिले के परबलपुर प्रखंड के पवई गांव के किसानों की धान में बालियां लहराने लगी है, जिसे देखकर किसानों का उत्साह सातवें आसमान पर है।
जब जिले के किसानों ने धान का बिचड़ा भी नहीं डाला था तब पवई गांव के अधिकांश किसानों ने धान की रोपनी पूरी कर ली थी। जून के अंतिम सप्ताह में इस गांव में धान की फसलें रोपी जा चुकी थी। इस वर्ष मॉनसून भी साथ दिया। 24 जून के आसपास लगातार कई दिनों तक बारिश हुई थी तब यहां कि किसान धान की रोपनी युद्धस्तर पर शुरू कर दी थी। जबकि जिले के अन्य प्रखंडों में उस वक्त किसान धान के बिचड़ा डालने की तैयारी कर रहे थे।
स्थिति यह है कि जब जिले के किसानों को उर्वरक की जरूरत नहीं थी तब परबलपुर के पवई गांव के किसान सहजतापूर्वक बाजार से वाजिब दाम में उर्वरक खरीद कर खेतों में डाल रहे थे। आज स्थिति यह है कि उर्वरक के लिए किसानों को मारामारी करनी पड़ रही है। कई दिनों तक दुकान का चक्कर लगाना पड़ रहा है। सुबह से लाइन लग रहे है। वहीं पवई गांव के किसान के खेतों में लगी धान में बालियां लहराने लगी है, जिससे गांव के किसानों में हर्ष का माहौल है।
निश्चित तौर पर जिन किसानों ने शुरुआती दौर में बिजली पंप या डीजल पंप के जरिये धान के बिचड़े गिरा दिये थे वैसे किसानों का बिचड़ा तैयार था और मॉनसून के अगात के साथ हीं धान की रोपनी शुरू हो गयी थी। आज ऐसे किसान निश्चित तौर पर काफी खुश है। आने वाले दिनों में परबलपुर के पवई गांव के किसानों का यह प्रयास जिले के अन्य किसानों के लिए भी अनुकरणीय होगा।