पटना

बिहारशरीफ: ट्रेन में सीट नहीं ऐसे में जिले के हजारों घरों में प्रियजनों के बिना मनेगी होली


      • दिल्ली से राजगीर और इस्लामपुर के बीच चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों में सीट नहीं
      • लुधियाना, दिल्ली, मुंबई और सूरत जैसे स्थानों में काम कर रहे कामगरों की पीड़ा यह कि चाहकर भी नहीं मिल रहा ट्रेन टिकट
      • दिल्ली से लौटे मजदूरों की पीड़ा कि अनारक्षित बोगियों में बैठने के बदले कुली वसूलता है दो सौ रुपया

बिहारशरीफ। होली जैसे त्योहार में अप्रवासी बिहारी मजदूर और कामगार अपने घर जरूरत आते है। इस बार जब कोविड जैसे मामले शांत है तो घर आने वाले लोगों की तादाद भी अधिक है, लेकिन स्थिति यह है कि आधे से अधिक अप्रवासी लोग चाह कर भी अपने घर नहीं आ पायेंगे। दिल्ली और मुंबई से बिहार आने वाली ट्रेन जहां फुल चल रही है, वहीं नालंदा से दिल्ली जाने वाली दो महत्वपूर्ण ट्रेनों में सीट हीं नहीं है।

हालांकि पूर्व मध्य रेल ने होली के त्योहार के मद्देनजर यात्रियों की सुविधा के लिए फेस्टिव स्पेशल ट्रेन शुरू कर रही है। नालंदा के अधिकांश लोग दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्रा एवं गुजरात में रहते है, लेकिन  अभी से हीं इन सब स्थानों से बिहार आने वाली ट्रेनों में सीट नहीं है। होली का त्योहार इस वर्ष 17 मार्च से शुरू हो रहा है। ऐसे में होली के एक सप्ताह पूर्व से लोग घर आना शुरू कर देते है। अभी भी दिल्ली से राजगीर तक चलने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस तथा दिल्ली से इस्लामपुर तक चलने वाली मगध एक्सप्रेस में कामगारों का आना शुरू हो चुका है। रिजर्वेशन नहीं मिलने के कारण भारी भीड़ जेनरल बोगी पर है। अनारक्षित सीटों पर लोग इस कदर आ रहे है कि जैसे भेड़-बकरी ढोये जाते हो।

सूत्रों की मानें तो सूरत, मुंबई, लुधियाना, दिल्ली आदि स्थानों से बिहार आने वाली ट्रेनों में टिकट है हीं नहीं। शुक्रवार को दिल्ली से श्रमजीवी एक्सप्रेस से आये कामगारों का कहना है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर जेनरल बोगी में बैठने के लिए कूलियों की दादागिरी चल रही है। ट्रेन लगने के पहले हीं कूली जेनरल बोगी के सीटों पर अपना कब्जा किये रहते है और फिर टिकट कटाये लोगों से दो-दो सौ रुपया अतिरिक्त लेकर उन्हें बैठने दे रहे है। इतने अधिक लोग बोगी में घुस रहे है कि बैठ जाने के बाद बिहार पहुंचने तक उन्हें वॉशरूम तक जाने का जगह नहीं होता। ऐसे में खासकर महिलाओं और बच्चों की परेशानी और अधिक बढ़ गयी है।

इधर दूसरी ओर पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ ने बताया कि दिल्ली-पटना, अमृतसर-पटना, दिल्ली-बरौनी, अमृती-बनमंखी जैसे स्टेशनों के लिए फेस्टिव स्पेशन ट्रेन चलाये गये है, जिससे यात्रियों का लोड घटेगा। आज नालंदा के लोगों को याद आ रहा है हमसफर एक्सप्रेस जो राजगीर से दिल्ली की ओर चलती थी लेकिन कोविड के दौरान बंद कर दिया गया। काश आज यह ट्रेन चली होती तो निश्चित रूप से प्रतिदिन हजारों बिहारी कामगारों और बोहर नौकरी पेशा करने वाले लोगों को होली जैसे त्योहार में घर आने में इतनी फजीहत नहीं होती।

स्थिति यह है कि कई घरों में लोग अपने प्रियजनों के बिना हीं होली जैसे त्योहार मनायेंगे। प्रायः इस त्योहार में दूरदराज रह रहे लोग भी परिवार के साथ होली मनाने आते है, लेकिन इस बार स्थिति ऐसी नहीं रहेगी। लोग चाह कर भी नहीं आ रहे है। अपना घर ऐसे में परिजनों के बीच अभी से हीं मायूसी छाई हुई है।