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- किसान मांग रहे है तूफान प्रभावित अन्य राज्यों की तरह राहत पैकेज
- मई महीने में वर्षों पूर्व बारिश का रिकार्ड टूटा, होती थी 25.1 एमएम बारिश और हुई 238.5 एमएम जो औसत से 852 फीसदी अधिक
- करोड़ों रुपये का मूंग और प्याज की फसल बर्बाद, फूलगोभी की तैयार फसलों के अलावे नर्सरी का बिचड़ा भी साफ
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बिहारशरीफ (आससे)। यास तूफान की तबाही ने किसानों का करोड़ों ले डूबा। नालंदा, नवादा तथा शेखपुरा जिला में तीन दिनों की चक्रवाती वर्षा ने जहां पिछले कई वर्षाे का रिकार्ड तोड़ा वहीं इससे खेतों में लगी करोड़ों रुपए की नगदी फसल तबाह हो गई।
मई महीने में नालंदा जिला में औसतन 25.1 मिली मीटर वर्षा होती थी, इस बार 28 मई तक ही 238.5 एमएम वर्षा हो चुकी है जो औसत से 852 प्रतिशत अधिक है। उसी तरह नवादा में औसतन 33.1 एमएम की जगह 152.1 एमएम तथा शेखपुरा में औसतन 29.4 एमएम की जगह 132.7 एमएम बारिश हुई जो सामान्य से क्रमशः 267 तथा 306 प्रतिशत अधिक है। मौसम विभाग के वैज्ञानिक के अनुसार पिछले कई दशक के बाद मई महीना में इतनी वर्षा हुई है और हाल के दिनों के लिए यह एक रिकार्ड है।
इस चक्रवाती तूफान ने भले ही लोगों को गर्मी से राहत दिया है, किंतु असमय वर्षा ने खेतों में लगे प्याज, सब्जी, मूंग, फूलगोभी जैसे नगदी फसल को बर्बाद कर दिया। किसानों को करोड़ों रुपए की क्षति हुई है।
किसानों ने बताया कि 25 प्रतिशत से अधिक प्याज की फसल खेत में ही रह गई और अब वो किसी काम का नहीं रहा। विदित है कि शेखपुरा तथा नालंदा जिला में किसान बड़े पैमाने पर मगही प्याज की खेती करते हैं जिसको मई महीने के अंतिम दिनों तक खेत से उखड़ते हैं। शेखपुरा जिला का प्याज तो दूसरे प्रदेश तक जाता है। प्याज की फसल बर्बाद होने से किसानों की पूंजी तो डूबी ही साथ लगे उनके सामने व्यापारियों से प्याज के बदले लिए गए अग्रिम राशि लौटने का संकट भी पैदा हो गया है। जानकारों के अनुसार बाहर के व्यापारी किसानों को प्याज के बदले फसल के शुरुआत में ही अग्रिम राशि किसानों को दे कर प्याज के उपज का सौदा कर लेते हैं।
इसी तरह बिहारशरीफ के किसान बड़े पैमाने पर आगत फूलगोभी का बिछड़ा तैयार करते है, वह भी इस बार इस तूफानी वर्षा का भेट चढ़ गया। एक अनुमान के मुताबिक इस बार बिहार शरीफ के आस पास के किसानों ने 20 लाख रुपए से अधिक का बिचड़ा अपने खेतो में डाल रखा था, जो पूरी तरह बर्बाद हो गया। खेत की तैयारी, खाद और श्रम मिलाकर करोड़ रुपए से अधिक के सिर्फ बिचड़ा नुकसान का अनुमान है। किसानों के अनुसार इस बार बिहारशरीफ का आगत फूलगोभी मिलना मुश्किल है। इसी तरह गरमा सब्जी जिसका अभी भरपूर फलने का समय था, वह भी लगभग समाप्त हो गया।
नालंदा गिरियक, बिंद, अस्थावां, रहुई, हरनौत, परवलपुर, चंडी समेत प्रायः सभी प्रखंडों तथा नवादा और शेखपुरा जिला में बड़े पैमाने पर किसानों ने मूंग फसल लगा रखी थी। अभी उसका प्रथम तुड़ाई ही हुआ था वह भी तबाह हो गया। किसानों के अनुसार मूंग की फसल बर्बाद होने से किसानों को भरी क्षति हुई है।
किसानों ने कहा कि इस तूफानी आपदा ने हमारी कमर तोड़ दी है। खासकर सब्जी, प्याज और दूसरी नगदी फसल के करोड़ों रुपए स्वाहा हो गए। किसानों के अनुसार उन्होंने इन फसलों को उपजाने के लिए कहीं केसीसी तो कहीं महाजन से कर्ज ले रखी थी। अब उनके सामने इस कर्ज को लौटाने की भी समस्या आ गई है। उन्होंने मांग की कि इस तूफान में भले ही बड़े पैमाने पर हमारा घर नहीं गिरा है लेकिन हमारी जमा पूंजी समेत कर्ज का पैसा डूब गया, तूफान प्रभावित अन्य राज्यों की तरह हमे भी सरकार राहत पैकेज के तहत मुआवजा दे।