पटना

बिहारशरीफ नगर निगम बोर्ड भंग, डीएम बने प्रशासक


    • विस्तारित क्षेत्र का छः माह में नहीं हुआ चुनाव इसलिए हुई कमेटी डिजॉल्व : प्रधान सचिव
    • प्रावधान के तहत नये क्षेत्रों का होगा सीमांकन और वार्ड गठन : डीएम
    • नगर निगम बोर्ड भंग होने के बाद प्रशासक के नेतृत्व में चलता रहेगा सभी कार्य : नगर आयुक्त

बिहारशरीफ। आज सुबह-सुबह जैसे हीं लोगों के हाथ में अखबार पहुंचा वैसे ही शहर का राजनीति गरमाने लगा। वजह था बिहारशरीफ नगर निगम के बोर्ड को भंग कर प्रशासक नियुक्त किया जाना। नगर विकास विभाग के इस निर्णय से यूं तो सभी वार्ड पार्षद आहत हुए लेकिन महापौर, उपमहापौर की मानों जमीन ही खिसक गयी। हालांकि सरकार के इस निर्णय से शहर के आम लोगों में खुशी का माहौल है। लोगों का मानना है कि छः माह तक प्रशासक के नियंत्रण में नगर निगम होगा तो आवश्यक सुविधाओं का विस्तार होगा अन्यथा विकास के नाम पर पार्षद से लेकर महापौर तक अपने-अपने हिस्से के बंटवारे तक हीं निहित रहे थे। शहर के आम लोगों की बड़ी समस्याओं को नजरअंदाज किया जाता रहा है।

नगर विकास विभाग द्वारा जारी आदेश के तहत बिहारशरीफ नगर निगम के प्रशासक नालंदा के जिलाधिकारी होंगे। यह दूसरा मौका है जब नगर निगम का प्रशासक जिलाधिकारी बने हो। पहली बार जब बिहारशरीफ नगर परिषद् को अपग्रेड कर बिहारशरीफ नगर निगम बनाया गया था तब तत्कालीन जिलाधिकारी व मौजूदा नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर पहले प्रशासक बने थे। और अब जब क्षेत्र विस्तार को लेकर नगर निगम की कमेटी भंग की गयी तो जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह प्रशासक बने।

इस संदर्भ में पूछे जाने पर नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने बताया कि बिहारशरीफ नगर निगम का क्षेत्र विस्तार हुआ था। प्रावधान के तहत क्षेत्र विस्तार के छः माह के अंदर अगर नई कमेटी नहीं गठित की जाती है तो कमेटी को भंग करना होता है और बिहार नगरपालिका अधिनियम की धारा 12(8) के तहत बिहारशरीफ नगर निकाय को डिजॉल्व किया गया है, क्योंकि जिस क्षेत्र का विस्तार हुआ उसके छः माह पूरा हो गये थे और चुनाव नहीं हो सका था। उन्होंने कहा इसके लिए डीएम को प्रशासक नियुक्त किया गया है। नये चुनाव के बाद बोर्ड फिर से गठित होगा। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी नगर निगम विस्तार वाले क्षेत्रें के परीसिमन एवं सभी आवश्यक कार्यों का निर्वहन करेंगे।

इस संदर्भ में जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह का कहना है कि नगर निगम के विस्तारित क्षेत्र में जिन इलाकों को जोड़ा गया है उनका परीसिमन आदि का काम होना है। जल्द हीं नियम एवं प्रावधानों के तहत वार्डों का सीमांकन आदि का कार्य किया जायेगा।

नगर आयुक्त तरणजोत सिंह ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र की कमेटी डिजॉल्व हो गयी है। नगर निगम का विस्तार मार्च 2021 में हीं किया गया था। पुराने इलाके के अलावे बबुरबन्ना, पचासा, कोसुक, राणा बिगहा, तकियापर, इमादपुर, रोजबदरे आलम, तकिया कला, चकरसलपुर, जहांगीरपुर, कल्याणपुर, मघड़ा जैसे क्षेत्रें को नगर निगम में जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि प्रावधान के तहत नगर निगम के कार्य चलते रहेंगे और यह सारा कार्य प्रशासक के निर्देशन में चलेगा।