पटना

बिहारशरीफ: मुख्यमंत्री के सोच के अनुरूप अपने उद्देश्यों में सफल होता दिख रहा है नेचर सफारी


      • भीषण गर्मी में लोगों की भीड़ इतनी कि चाहे बस का टिकट हो या फिर सफारी का टिकट पाने के लिए लग रही है लंबी कतार
      • नेचर सफारी देखने आने वाले लोगों के लिए जयप्रकाश उद्यान के पास बना पार्किंग से राजगीर-गया सड़क हो रही है जाम

बिहारशरीफ (आससे)। नेचर सफारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सोच को साकार करता दिख रहा है। भीषण गर्मी में भी नेचर सफारी घूमने वाले लोगों की लंबी कतारें लग रही है। शुक्रवार को तो लोग चाह कर भी नेचर सफारी नहीं घूम पाये। भीड़ इतनी अधिक रही कि कई लोगों को बस का टिकट नहीं मिल सका और जब तक बारी आने की संभावना थी तब तक शाम हो चली थी।

नेचर सफारी में घूमने आने वाले लोगों की तादाद का अनुमान इससे ही लगाया जा सकता है कि पहले वाहनों की पार्किंग स्वर्ण भंडार से हटाना पड़ा और शुक्रवार को नये पार्किंग स्थल यानी जयप्रकाश उद्यान के पास वाहनों की इतनी तादाद थी कि सड़क जाम की स्थिति थी। जहां से निकलने में वाहनों को 15 से 20 मिनट का समय लग रहा था।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार कहते रहे है कि राजगीर में पर्यटन के इतने आयाम को विकसित किया जा रहा है ताकि यहां आने वाले पर्यटक रोज-दो रोज ठहर सके। इसी के तहत मुख्यमंत्री के सोच के अनुरूप राजगीर नेचर सफारी का निर्माण हुआ जहां ग्लास स्काई ब्रिज, सस्पेंशन ब्रिज जैसे कई आकर्षण और एडवेंचर स्पॉट बनाया गया।

हालांकि नेचर सफारी सहित अन्य टूरिस्ट स्पॉटों का प्रचार-प्रसार अभी तक नहीं हुआ है। प्रचार के नाम पर सिर्फ मुख्यमंत्री का उद्घाटन कार्यक्रम से लेागों को जानकारी मिली है और स्थिति यह है कि प्रतिदिन नेचर सफारी देखने वाले लोगों की तादाद बढ़ती हीं जा रही है।

नेचर सफारी देखने वालों की संख्या का इजाफा इस तरह हो गया है कि 24 सीटर चार बस चाह कर भी आने वाले पर्यटकों को नेचर सफारी तक पहुंचाने और वहां से वापस लाने में कम पड़ जा रहा है। बस टिकट 50 रुपया है, जिसमें स्वर्ण भंडार से नेचर सफारी के मुख्य द्वार तक आना और जाना शामिल है। यहां बस टिकट लेने के लिए लंबी कतारें लग रही है और जब टिकट मिल जा रही है तो बस में घुसने के लिए भी लोगों को गर्मी में कतार लगना पड़ रहा है।

इतना ही नहीं नेचर सफारी के मुख्य द्वार पर वहां घूमने वाले स्पॉटों के टिकट लेने के लिए भी लोगों को लंबी कतार में लगना होता है। स्काई ग्लास ब्रिज जिसकी टिकट दर 125 रुपया है के अलावे सस्पेंशन ब्रिज जिसकी टिकट 10 रुपये की है तथा बैटरी चालित वाहन जिससे अंदर घूमने की व्यवस्था है की दर 10 रुपया है, लेकिन इन टिकटों को लेने में लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। बैटरी वाहन तो लोगों की भीड़ के आगे काफी कम पड़ गयी है। इस पर सीट लेने के लिए लोगों को दौड़ लगाना पड़ता है।

नेचर सफारी के चालू होने के साथ पर्यटकों के वाहन पड़ाव की व्यवस्था स्वर्ण भंडार के आगे मैदान में की गयी थी। लेकिन वाहनों की तादाद और लोगों की भीड़ के आगे यह मैदान छोटा पड़ा और अंततः वाहन पड़ाव जयप्रकाश उद्यान के बाहर करना पड़ा। यहां भी वाहनों की भीड़ इस कदर हो गयी कि सड़कों पर गाड़ियां लगने लगी। फलतः राजगीर और गया के बीच चलने वाले वाहनों को यहां से गुजरने में मशक्कत करनी पड़ रही है।

उद्घाटन के दिन ही मुख्यमंत्री ने कहा था कि नेचर सफारी का उद्देश्य है पर्यटकों को आकर्षित करना और खासकर युवा वर्ग को यहां आने के लिए प्रोत्साहित करना ताकि वो नेचर और हिस्ट्री को जाने। नेचर से जुड़े। मुख्यमंत्री का यह वक्तव्य अब सार्थक होता दिख रहा है। यूं तो यहां आने वाले दर्शक सभी आयु वर्ग के होते है, लेकिन सबसे अधिक भीड़ युवाओं की है।

भले ही अभी मार्च समाप्त होकर अप्रैल शुरू हुआ हो, लेकिन भीषण गर्मी पड़ रही है। बावजूद इसके नेचर सफारी देखने वालों की भीड़ कम नहीं रही है। वजह यह भी है कि होली में बाहर से अपने घर आये लोग लौटने के पहले नेचर सफारी देखना चाह रहे है और इस बीच गुड फ्राइडे तथा अन्य छुट्टियों को लेकर भी लोगों की भीड़ बढ़ी है।

नालंदा के अलावे पड़ोसी जिला नवादा, शेखपुरा, गया, जहानाबाद के लोग तो आ ही रहे है। पटना और मुजफ़्फ़रपुर से भी काफी संख्या में निजी वाहन से लोग नेचर सफारी देखने पहुंच रहे है।