-
-
- डीएम ने संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर दिये कई निर्देश
- जिले में अग्निशमन के सभी 27 वाहनों को 24 घंटे रखा गया हाई अलर्ट पर
-
बिहारशरीफ। गर्मी में लू, आगजनी और पेयजल की संभावित समस्या को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट पर है। इन समस्याओं से निजात के लिए तैयारी शुरू कर दी गयी है। जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने इस संबंध में विभिन्न विभागों के जिलास्तरीय पदाधिकारी के अलावे राजगीर अनुमंडल के प्रखंड/पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया।
राजगीर अनुमंडल के सभी पंचायतों के सभी वार्डों में पीएचईडी तथा पंचायती राज विभाग के माध्यम से नल-जल योजना का क्रियान्वयन किया जा चुका है। ऐसे में नल-जल कनेक्शन से वंचित परिवार को तत्काल कनेक्शन देने और जहां मोटर और स्टार्टर की खराबी है की तकनीकी समस्या को दूर करने का निर्देश दिया गया है। इससे संबंधित वार्डों की सूची संकलित की गयी और पंचायत प्रतिनिधियों से फीडबैक लिया गया।
डीएम ने 10 अप्रैल तक सभी वंचित लोगों को नल-जल का कनेक्शन देने तथा मोटर, स्टार्टर तथा अन्य तकनीकी कारणों से वंचित पेयजल आपूर्ति की आवश्यक मरम्मती कर जलापूर्ति बहाल करने का निर्देश पीएचईडी और पंचायती राज विभाग को दिया। चापाकलों की मरम्मती के लिए सभी प्रखंडों में पीएचईडी द्वारा एक-एक गैंग का मोबाइल दस्ता 12 मार्च से लगाया गया है। डीएम ने 15 अप्रैल तक मरम्मती एवं चापाकलों की सुनिश्चित मरम्मती कराने को कहा है।
लू से बचाव और उपचार के लिए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य उपकेंद्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ओआरएस एवं अन्य आवश्यक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया गया है। आगजनी के मामले में घटना की तुरंत फोटोग्राफी एवं जियो टैगिंग सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया ताकि आपदा प्रबंधन के प्रावधान के अनुसार मुआवजा के भुगतान में कोई परेशानी ना आये। जिले में अग्निशामन के 27 वाहन है और सभी क्रियाशील है। सभी वाहनों को 24 घंटे अलर्ट की स्थिति में रहने का निर्देश जिला अग्निशमन पदाधिकारी को दिया गया है और सभी वाहनों के सभी चालकों का मोबाइल नंबर भी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
पराली जलाने से पर्यावरण के नुकसान तथा आगजनी की संभावित घटना को देखते हुए इस पर पूरी तरह लगाम लगाने का निर्देश जिला कृषि पदाधिकारी को दिया गया है और इसके लिए किसानों के बीच लगातार जागरूकता कराने को कहा गया। पशु-पक्षियों के लिए पीने के लिए पानी की उपलब्धता कराने हेतु सार्वजनिक जल स्रोतों के पास गड्ढा कर पानी उपलब्ध कराने का निर्देश पशुपालन पदाधिकारी को दिया गया। आंगनबाड़ी केंद्रों पर पेयजल आपूर्ति बहाल करने के साथ हीं ओआरएस की व्यवस्था सुनिश्चित रखने का निर्देश जिला प्रोगाम पदाधिकारी आईसीडीएस को दिया गया।
सभी बीडीओ, पंचायती राज पदाधिकारी, पीएचईडी के अभियंताओं को संवेदनशील रहने और ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, सिविल सर्जन, जिला आपदा प्रभारी, पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता, विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता, जिला शिक्षा पदाधिकारी, आईसीडीएस के डीपीओ, जिला अग्निशमन पदाधिकारी सहित अन्य जिलास्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे जबकि राजगीर अनुमंडल के सभी प्रखंडों के बीडीओ, सीओ, मेडिकल ऑफिसर, पंचायती राज पदाधिकारी तथा पीएचईडी के अभियंता वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे।