बिहारशरीफ। ऐतिहासिक नगरी राजगीर में जरासंध अखाड़ा के जीर्णोद्धार और बदहाली का मामला आज लोकसभा में उठा। नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार ने शून्यकाल के तहत जरासंध अखाड़ा का मामला उठाते हुए कहा कि नालंदा जिला स्थित राजगीर भारतीय इतिहास का गौरव है। आज के युवाओं और शोधकर्ताओं के लिए यह एक अजूबा स्थान है। राजगीर और नालंदा के सभी ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण स्थल में से एक है जरासंध का अखाड़ा, जिसकी अलग पहचान है।
सांसद ने कहा कि यह वही अखाड़ा है जहां द्वापर काल में जरासंध और कुंतीपुत्र भीम के बीच 28 दिन तक मल्लयुद्ध हुआ था। इसकी चर्चा धर्मग्रंथों में भी है और यह रोचक स्थल भी है। आज भी राजगीर में कुश्ती की महत्ता है। देश-विदेश के सैलानियों के लिए यह स्थल कौतूहल से परिपूर्ण है। एएसआई इस धरोहर की रखरखाव करती है, लेकिन मौजूदा समय में इस अखाड़े की दुर्दशा इसके महत्व को समाप् त कर रही है। ऐसे में मेरी मांग सरकार से है कि इसका विकास किया जाय। इसके लिए राज्य सरकार के सहयोग से रूपरेखा तैयार होना चाहिए ताकि एक ऐतिहासिक स्थल को सुंदर बनाया जा सके।