बिहारशरीफ (आससे)। विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस के अवसर पर सामाजिक सुरक्षा कोषांग द्वारा शहर में प्रभातफेरी निकाली गयी। प्रभातफेरी श्रम कल्याण केंद्र के मैदान से निकलकर शहर के विभिन्न मुख्य मार्ग होते हुए समाहरणालय पहुंचा। इस दौरान सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक सह बुनियादी केंद्र नालंदा के नोडल पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज से कटकर रहने वाला व्यक्ति या तो देवता है या दानव। किसी भी व्यक्ति का सर्वांगीण विकास समाज के बीच हीं होता है।
आत्मकेंद्रीयता या स्वपरायणता (ऑटिज्म) एक प्रकार की दिव्यांगता है, जो किसी भी व्यक्ति के विकास में बाधक है। इस बाधक तत्व को दूर करने के लिए समाज में ऑटिज्म के प्रति जनजागरूकता आवश्यक है। उन्होंने बताया कि आज के प्रभातफेरी के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस 02 अप्रैल से 04 अप्रैल तक सभी बुनियादी केंद्रों पर दिव्यांग बच्चों के लिए चित्रकला एवं निबंधन प्रतियोगिता आयोजन किया जायेगा।
इस प्रतियोगिता में अव्वल आये बच्चों को पुरस्कृत भी किया जायेगा। इस अवसर पर डीपीआरओ रविंद्र कुमार, बीडीओ राजीव रंजन, बुनियादी केंद्र के जिला प्रबंधक उपमा रानी, सेंटर मैनेजर सुशांत डे आदि उपस्थित थे।