पटना

बिहारशरीफ: शिक्षक नियोजन के लिए जिले में कोटिवार आरक्षण तय किया गया


      • प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों के लिए 124 तथा माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक के लिए 57 पद दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित
      • दिव्यांगजन ही अपने आरक्षण को लेकर उच्च न्यायालय की ली है शरण
      • सरकार द्वारा तय 4 प्रतिशत आरक्षण के तहत उनके लिए तय किया गया कोटा और अगर हो गयी बहाली तो माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक में दिव्यांगजनों का पद रह जायेगा रिक्त

बिहारशरीफ (आससे)। शिक्षक नियोजन पर उच्च न्यायालय द्वारा लगी रोक अभी समाप्त नहीं हुई है, लेकिन पटना उच्च न्यायालय इस मामले में डे टू डे सुनवाई शुरू कर दी है। शुक्रवार के बाद आज शनिवार को भी सुनवाई हुई और अब 31 मई यानी सोमवार को भी सुनवाई होनी है। सरकार ने उच्च न्यायालय से दरखाश्त की है कि शिक्षक नियोजन के लिए तैयार सूची को प्रकाशित करने का मौका दिया जाय। सरकार हर हाल में चाह रही है कि शिक्षकों का नियोजन हो। इस आलोक में जिला में भी तैयारियां जोर-शोर से चल रही है।

नालंदा जिले में शिक्षक नियोजन की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। लॉकडाउन के बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मी इस प्रक्रिया को मूर्त रूप देने में लगे है ताकि उच्च न्यायालय का फैसला अगर सरकार के पक्ष में आया तो तत्काल सूची प्रकाशित की जा सके। जिले में प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में उपलब्ध सभी विषयों की कुल रिक्ति 3217 है, जिसमें दृष्टि दिव्यांग के लिए 28, मूक बधिर के लिए 32, चलंत दिव्यांग के लिए 31, मनोविकास दिव्यांग के लिए 33 और इस प्रकार दिव्यांगों के लिए कुल 124 पद आरक्षित है।

इस आलोक में जिले में कुल 637 दिव्यांगजनों ने शिक्षक नियोजन हेतु आवेदन समर्पित किया है। बताते चले कि दिव्यांगजनों द्वारा हीं अपने आरक्षण को लेकर नियोजन पर रोक लगाने का मामला उच्च न्यायालय में पहुंचाया गया था। सरकार ने 4 फीसदी रिक्ति दिव्यांगजनों से भरने का निर्णय लिया है। इस आलोक में जिले में रिक्तिकोटिवार तय कर लिया गया है। इन सब के अलावे जिले के सभी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में उपलब्ध रिक्तियों में 1289 अनारक्षित है जबकि 386 बीसी के लिए, 579 ईबीसी के लिए, 96 आरएफ के लिए , 516 एससी के लिए, 30 एसटी के लिए तथा 321 ईडब्लूएस के लिए आरक्षित है।

जिले के सभी माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कुल रिक्ति 1285 है, जिसमें दृष्टि दिव्यांग के लिए 21, मूक बधिर के लिए 16, चलंत दिव्यांग के लिए 10, मनोविकास दिव्यांग के लिए 10 सहित 57 पद दिव्यांगों के लिए आरक्षित है। हालांकि इतने पद के विरुद्ध मात्र 42 लोगों ने आवेदन दिया है। अगर नियोजन हुआ तो शयद इस कोटे का पद रिक्त रह जायेगा। इन सब के अलावे जिले के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में जिला स्तर पर 1285 पदों में अनारक्षित 551 पद है, जबकि 153 बीसी के लिए, 260 ईबीसी के लिए, 38 आरएफ के लिए, 264 एससी के लिए तथा 19 एसटी के लिए आरक्षित है।

अब तो आने वाला समय ही बतायेगा कि न्यायालय क्या निर्णय देती है, लेकिन जिलावार, कोटिवार आरक्षण तय कर दिया गया है।