पटना

बिहारशरीफ: सरपट सड़क पर अवैध ब्रेकरों की बाधा


      • वाहनों की गति को लगती है ब्रेक तो दुर्घटनाओं को दे रहा आमंत्रण
      • इन्हीं राहों से रोज गुजरते हैं अधिकारी फिर भी नहीं करते कार्रवाई

बिहारशरीफ (आससे)। सरकार के दृढ़ संकल्प और गंभीर प्रयासों के बाद नालंदा जिला की सड़के मजबूत और दुरुस्त हुई। ग्रामीण पथ से लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग तक की सड़के मानक के अनुरूप बनाई गई। उद्देश्य स्पष्ट था, निर्बाध गति से नियत समय पर गंतव्य तक पहुंचाना। सड़कों पर दौड़ने वाली गाड़ी की उम्र ज्यादा करना और बुजुर्ग, बीमार लोगों को टूटी सड़क के कारण गाड़ी के हिचकोले से बचा कर सुरक्षित मुकाम तक पहुंचाना। लेकिन स्थानीय दबंगों और प्रशासनिक लापरवाही न सिर्फ सरकार की मंशा को फलीभूत होने नही दे रही, बल्कि रोड दुर्घटना को कई गुणा बढ़ा दे रही है।

जिले की चकाचक सरपट सड़कों पर अवैध रोड ब्रेकरों का अंबार लगा है। राष्ट्रीय राजमार्ग हो, राज्य राजमार्ग हो या जिला का मुख्य मार्ग सभी सड़कों पर बड़े पैमाने पर अवैध रोड ब्रेकर स्थानीय लोगों द्वारा बना दिया गया है। वह भी एक-एक फुट से भी ऊंचा। जिसकी वजह से गाड़ियों की सामान्य या निर्धारित गति पर ब्रेक तो लगता ही है, गाड़ी के पुर्जे खराब होते हैं और आए दिन दुर्घटनाएं भी होते रहती है।

बिहारशरीफ से बख्तियारपुर वाली सड़क पर मोरा तलब के पास वर्षाे से बना फूट भर ऊंचा ब्रेकर सिर्फ गाड़ी के निर्बाध गति पर ही लगाम नहीं लगता बल्कि गाड़ी के कल पुर्जे को भी क्षति पहुंचा देता है। उसी तरह बिहार शरीफ से बरबीघा वाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर नकटपुरा, महम्मदपुर, मालती, कैला, सारे इत्यादि स्थानों पर बनाए गए ऊंचे अवैध रोड ब्रेकर रोज दुर्घटना के कारण बन रहे हैं। यही हाल बिहारशरीफ-एकंगरसराय तथा नवादा रोड का है।

वाहन चालकों की माने तो पहले जहां रोड में गढ़े थे अब उसके स्थान पर जगह-जगह खूब ऊंचा रोड ब्रेकर बना दिया गया है। सड़क दुरुस्त रहने के बावजूद भी गाड़ी की चाल वही रह जा रही जो पूर्व में थी। दूसरी ओर इन अवैध रोड ब्रेकरों की वजह से आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होते रहती है। सामने एकाएक रोड ब्रेकर आ जाने की वजह से चालक जोर का ब्रेक लगता है और गाड़ी असंतुलित हो पलट जाती है इस तरह के हादसा होने की आशंका दोपहिया वाहन के साथ ज्यादा रहती है।

प्रशासन के लोग भी इन्ही सड़कों से गुजरते हैं। वे भी रोज-रोज इन तकलीफों को झेलते हैं। वे भी गाहे-वेगाहे इन अवैध रोड ब्रेकर के कारण हादसे के शिकार होते हैं। किंतु कभी भी इन अवैध ब्रेकरों के हटाने की दिशा में कोई ठोस करवाई करते दिखाई नहीं देते।

रोड ब्रेकर के संबंध में अगर कानूनी प्रावधान को देखा जाय तो, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रलय और इंडियन रोड कांग्रेस के नियमों में सड़क पर स्पीड ब्रेकर का प्रावधान ही नहीं है। स्टेट हाइवे और मुख्य जिला मार्ग भी इस नियम से बंधे हुए हैं। लेकिन स्थानीय लोग अपनी मर्जी से रोड ब्रेकर बनवा लेते हैं। रोड ब्रेकर बनाना बेहद जरूरी होने पर पहले यह मामला जिला यातायात सुरक्षा समिति के पास जाता है। सुरक्षा समिति द्वारा अनुमोदन के बाद ही निश्चित मापदंड के अनुरूप ही स्पीड ब्रेकर बनवाए जाते हैं।

इंडियन रोड कांग्रेस के गाइड लाइन के अनुसार रोड ब्रेकर की अधिकतम ऊंचाई 4 ईंच होनी चाहिए। ब्रेकर के दोनो ओर दो-दो मीटर का स्लोप दिया जाय ताकि वाहन धीरे होकर बगैर झटका खाए निकल जाए। स्पीड ब्रेकर के पहले चेतावनी चिन्ह लगे होने चाहिए। साथ ही ब्रेकर में सफेद या पीला पेंट तथा रेडियम होना चाहिए। जिससे दिन तथा रात में ब्रेकर दूर से ही वाहन चालकों को नजर आ जाए।