पटना

बिहारशरीफ: हेलमेट और सीटबेल्ट को नजरअंदाज कर पिछले साल गंवा चुके है लगभग तीन सौ लोग जान


  • जिले के 12 स्थलों को ब्लैक और ग्रे स्पॉट के रूप में किया गया चिन्हित
  • ब्लैक स्पॉट वाले स्थलों पर बनवाया गया पांच-पांच स्पीड ब्रेकर

बिहारशरीफ (आससे)। जिले में सड़क सुरक्षा माह का शुभारंभ हो गया। इसके जरिये लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे ट्रैफिक रूल का पालन करे। खासकर दोपहिया वाहन चालक हेलमेट लगाये और चारपहिया वाहन चालक तथा फ्रंट सीट पर बैठे लोग सीटबेल्ट का प्रयोग करें। निर्धारित गति में वाहन चलाये। सड़कों पर लगे सूचना पट्ट पर ध्यान दें। इसके साथ ही यह भी जागरूक किया जा रहा है कि कोई भी अभिभावक बच्चे को तब तक वाहन चलाने की अनुमति न दें जब तक वह ट्रेन्ड होकर वाहन चलाने का लाइसेंस ना पा ले। ट्रिपल लोड की सवारी ना करें। ओवरलोडिंग ना चलाये।

पूरे एक महीने के दौरान नालंदा जिला प्रशासन ने सड़क सुरक्षा से संबंधित कई कार्यक्रम तय कर रखी है। लेकिन सवाल उठता है कि अकेले प्रशासन द्वारा सिर्फ प्रचार-प्रसार से तब तक नतीजा सामने नहीं आयेगा, जब तक कि लोग खुद इसके प्रति जागरूक ना हो।

सूत्रों की मानें तो पिछले साल जिले में सड़क दुर्घटना में लगभग तीन सौ के करीब लोगों की मौत हुई। इनमें से अधिकांश मौते बगैर हेलमेट के वाहन चलाने की वजह से हुई। चारपहिया वाहन की दुर्घटना में सीट बेल्ट ना लगाना भी मौत का कारण बना था। इस साल भी कुछ हीं दिन बीता है फिर भी दर्जन से अधिक मौत सड़क दुर्घटना में हो चुकी है।

परिवहन विभाग ने वैसे स्थलों को ब्लैक और ग्रे स्पॉट के रूप में चिन्हित किया है जहां प्रायः दुर्घटनाएं होती रहती है। तीन से अधिक लोग जहां जान गंवा चुके है, उसे ब्लैक स्पॉट माना गया है। जिले में ऐसे 12 स्थलों को चिन्हित किया गया है, जिनमें माधोपुर, भागनबिगहा में एसएच 78 और एनएच 82 का चौक, गोपालबाद आदि स्थल शामिल है। इन स्थानों पर पुनः ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए विभाग द्वारा पांच-पांच स्पीडब्रेकर बनाया गया है।