नीतीश कुमार ने किया पलटवार
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा गया है कि भाजपा ने उनकी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने भाजपा के साथ संबंध तोड़कर पलटवार किया।
एकनाथ शिंदे पर साधा निशाना
मराठी दैनिक ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भी निशाना साधा, जिन्होंने जून में शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ बगावत करते हुए कहा था कि उन्होंने दिल्ली के सामने ‘घुटना झुकाया।’ संपादकीय में कहा गया है कि उन्हें (शिंदे) यह समझना चाहिए कि कुमार ने दिखाया कि वह इसके बिना जीवित रह सकते हैं।
शिवसेना ने आगे कहा कि कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संस्थापक लालू प्रसाद के बीच की दरार अब खत्म होनी चाहिए।
तेजस्वी यादव की प्रशंसा
संपादकीय में लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव की भी प्रशंसा की गई है, जिन्होंने 2020 में राजद के विधानसभा चुनाव अभियान का नेतृत्व किया। शिवसेना ने उन्हें बिहार का ‘युवा और लोकप्रिय’ नेता बताया है, जिन्होंने तत्कालीन भाजपा-जद (यू) गठबंधन को चुनौती दी थी। राजद और जद (यू) ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के संबंधों में पिछले चार दशकों में कई उतार-चढ़ाव देखे गए हैं। नीतीश कुमार ने मंगलवार को राजद से हाथ मिलाने के लिए भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) छोड़ दिया था।
भाजपा ने जदयू को अस्थिर करने की कोशिश की
शिवसेना के संपादकीय में कहा गया है कि भाजपा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का समर्थन करके जद (यू) को अस्थिर करने की कोशिश की। जब यह नीतीश कुमार ने महसूस किया तो उन्होंने भगवा पार्टी से नाता तोड़ लिया।
‘नीतीश कुमार ने तूफान खड़ा कर दिया है’
सामना में कहा गया है, ‘नीतीश कुमार ने तूफान खड़ा कर दिया है। अगर यह एक चक्रवात में बदल जाता है, तो यह भाजपा के लिए एक चुनौती बन सकता है।’ इसके अलावा, कहा गया है कि बिहार का ताजा राजनीतिक घटनाक्रम 2024 के लोकसभा चुनावों के परिणाम को बदल सकता है।
बिहार लोकसभा में 40 सांसद भेजता है, जो उत्तर प्रदेश (80), महाराष्ट्र (48) और पश्चिम बंगाल (42) के बाद चौथे स्थान पर है।