अमनौर के अपने खेत में सांसद ने की पॉक चाय की खेती
छपरा। सांसद राजीव प्रताप रुडी अब कृषि के क्षेत्र में भी स्थानीय किसान और स्थानीय युवाओं का नेतृत्व कर रहे है। अपने खेतों में नित्य नये प्रयोग करने वाले सांसद रुडी ने इस बार बिहार में पहली बार सारण में एक विदेशी सब्जी पॉक चाय की खेती की है। इसकी खेती मूलरूप से चीन, रूस, साउथ कोरिया, टर्की, इंडोनेशिया, यूक्रेन आदि देशों में होती है। अब यह भारत में भी होने लगा है, लेकिन बिहार में इसकी पहली बार खेती कर नई मिसाल कायम की है सांसद ने।
इस संदर्भ में सांसद ने बताया कि पाक-चाय एक ऐसी विदेशी फ़सल है जो कम समय में अधिक मुनाफ़ा देती है, बल्कि इसका उत्पादन भी गोभी या पत्ता गोभी की अपेक्षा प्रति हेक्टेयर ज्यादा होता है और तीन महिने में ही किसानों की आमदनी दोगुनी से ज्यादा होती है। कुल लागत से तीन सौ प्रतिशत अधिक आमदनी देने वाली यह फ़सल है जिसका उत्पादन सारण में किया गया है।
सांसद रुडी ने बताया कि पाक-चाय, बिहार और भारत में उत्पादित पत्ता गोभी की तरह ही एक सब्जी है जिसमें पौष्टिकता अधिक है। उन्होंने कहा कि इसमें में प्रचुर मात्र में एंटी आक्सीडेंट पाया जाता है। भोजन में या सलाद के रूप में पाक-हाय का सेवन न सिर्फ खून की कमी को तो दूर करता है, बल्कि कैंसर जैसी बिमारी के फ्री रेडिकल्स को भी शरीर से बाहर भी निकालता है।
मालूम हो कि नई-नई किस्म की फ़सले, जिनसे अधिक से अधिक आमदनी हो सके, उन फ़सलों का उत्पादन, वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने की विधि, रासायनिक खाद से दूरी बनाकर अधिक से अधिक जैविक खेती, जैसे कई बिदुओं पर सासंद रुडी कृषि के क्षेत्र में सारणवासियों को प्रोत्साहित कर रहे है। उसी संदर्भ मे इस रवि के मौसम में उन्होंने बिहार में पहली बार सारण में एक विदेशी सब्जी पॉक-चाय का उत्पाद प्रयोग के तौर किया है।
सांसद ने बताया कि कई ऐसी सब्जियां है जिनका उत्पादन यदि किसान करें तो बेहतर मुनाफ़ा कमा सकता है। पॉक-चाय की मांग बड़े-बड़े शहरी बाजारों में अधिक है। बड़े होटलों, रेस्तरां में इसकी मांग अधिक है और इसके उत्पादन में लागत खर्च भी कम है। उन्होंने बताया कि किसान पचास हजार रुपये के खर्च में 4 हजार स्क्वायर फ़ीट के क्षेत्र में लगभग 24 हजार पौधे लगा सकते हैं जिससे दोगुना से ज्यादा मुनाफ़ा होगा। उक्त विषय की जानकारी पूर्व भाजपा जिला उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह चौहान ने दिया।