पटना

बिहार के हर जिले में होगी स्नातकोत्तर की पढ़ाई


पीजी की पढ़ाई को 10 और जिलों का हुआ चयन, सुपौल के बीएसएस व जमुई के केकेएम कॉलेज में होगी पीजी की पढ़ाई

(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। राज्य में हर जिले में स्नातकोत्तर की पढ़ाई होगी। राज्य सरकार की इस योजना के तहत जिन जिलों जिलों में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की व्यवस्था नहीं है, उन जिलों में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू होगी। इसके तहत फिलहाल राज्य के 10 और जिलों में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू होगी। इन 10 जिलों में सुपौल, गोपालगंज, कैमूर, किशनगंज, लखीसराय, जमुई, अरवल, बांका, नवादा एवं शिवहर शामिल हैं।

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने गुरुवार को बताया कि राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों द्वारा स्नातकोत्तर की पढ़ाई प्रारंभ की मांग लगातार की जा रही थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा भी उच्च शिक्षा के विस्तार एवं सुधार के साथ सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।

शिक्षा मंत्री श्री चौधरी ने बताया कि इस परिप्रेक्ष्य में शिक्षा विभाग द्वारा एक उच्चस्तरीय बैठक के उपरांत यह निर्णय लिया गया कि जिन जिलों में किसी भी महाविद्यालय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई नहीं हो रही है, उन जगहों से प्रस्ताव प्राप्त होने पर विभाग प्राथमिकता के आधार पर इसकी स्वीकृति देने की कार्रवाई करेगा। इस क्रम में 10 जिलों यथा सुपौल, गोपालगंज, कैमूर, किशनगंज, लखीसराय, जमुई, अरवल, बांका, नवादा एवं शिवहर को चिन्हित किया गया है।

श्री चौधरी ने बताया कि इन 10 जिलों में से सुपौल में बीएसएस कॉलेज एवं जमुई में केकेएम कॉलेज में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू करने की स्वीकृति प्रदान करने की कार्रवाई पूरी की जा चुकी है। बाकी जिलों से विधिवत प्रस्ताव प्राप्त होने पर कार्रवाई की जायेगी।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की घोषणा के मुताबिक हर पंचायत में एक उच्च माध्यमिक (प्लसटू) विद्यालय स्थापित किया गया है। साथ ही, सरकार के निर्णयानुसार प्रत्येक अनुमंडल में एक डिग्री महाविद्यालय की स्थापना की जा रही है। स्वाभाविक रूप से अगले चरण में हर जिले में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की व्यवस्था वांछनीय है।

इसके मद्देनजर शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है कि उन जिलों में जहां स्नातकोत्तर की पढ़ाई किसी महाविद्यालय में नहीं हो रही है, वैसे जिलों से संबंधित विश्वविद्यालयों के माध्यम से विधिवत प्रस्ताव एवं अनुशंसा प्राप्त होते ही सरकार द्वारा इसकी स्वीकृति प्राथमिकता के आधार पर देने की कार्रवाई की जायेगी।