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पटना

बिहार बोर्ड ने रचा इतिहास, मुख्य विषयों की परीक्षा समाप्त


(आज शिक्षा प्रतिनिधि)

पटना। द्वितीय भारतीय भाषा के साथ ही राज्य में सभी 1,525 परीक्षा केंद्रों मैट्रिक की मुख्य विषयों की परीक्षा मंगलवार को समाप्त हो गयी। कोरोना महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों के बीच सभी नियमों का पालन करते हुए मैट्रिक परीक्षा का आयोजन इंटरमीडिएट परीक्षा की भांति ही सफलतापूर्वक संचालित किया गया। 16.84 लाख परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा केंद्रों पर दो पालियों में परीक्षा का संचालन किया गया। इस चुनौतीपूर्ण कार्य को पूरा करना बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के लिए बड़ी उपलब्धि है।

मुख्य विषयों की सभी परीक्षाओं का आयोजन सफलतापूर्व संपादित करने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनन्द किशोर ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों, वरीय पुलिस अधीक्षकों, पुलिस अधीक्षकों एवं जिला शिक्षा पदाधिकारियों के साथ सभी केंद्राधीक्षकों, दंडाधिकारियों, वीक्षकों, पुलिस के जवानों, नोडल पदाधिकारियों  एवं समिति के अधिकारी-कर्मचारियों को बधाई दी है।

मंगलवार को द्वितीय भारतीय भाषा के तहत हिंदी भाषियों के लिए संस्कृत, अरबी, पर्सियन एवं भोजपुरी तथा अहिंदी भाषियों के लिए राष्ट्रभाषा हिंदी की परीक्षा हुई। पहली पाली की परीक्षा के लिए अरबी में 73, भोजपुरी में 125, पर्सियन में 15, संस्कृत में 7,09,438 तथा राष्ट्रभाषा हिंदी में शामिल होने के लिए 1,37,121 परीक्षार्थियों द्वारा फॉर्म भरे गये थे। दूसरी पाली की परीक्षा के लिए अरबी में 103, भोजपुरी में 77, पर्सियन में छह, संस्कृत में 7,02,116 तथा राष्ट्रभाषा हिंदी में शामिल होने के लिए 1,34,759 परीक्षार्थियों द्वारा फॉर्म भरे गये थे।

मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होने के लिए इस बार 16 लाख 84 हजार 466 परीक्षार्थियों द्वारा परीक्षा फॉर्म भरे गये थे। इनमें आठ लाख 37 हजार 803 छात्राएं और आठ लाख 46 हजार 466 छात्र हैं। मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होने के लिए फॉर्म भरे हुए विद्यार्थियों में लगभग आधे विद्यार्थी पहली पाली में एवं आधे दूसरी पाली की परीक्षा में शामिल होते हैं तथा सम्पूर्ण परीक्षा के दौरान उसी पाली में परीक्षा देते हैं। इस बार पहली पाली की परीक्षा के परीक्षार्थियों की संख्या आठ लाख 46 हजार 969 थी, जिनमें चार लाख 22 हजार 661 छात्राएं एवं चार लाख 24 हजार 308 छात्र रहे। दूसरी पाली की परीक्षा के परीक्षार्थियों की संख्या आठ लाख 37 हजार 497 रही, जिनमें चार लाख 15 हजार 142 छात्राएं एवं चार लाख 22 हजार 355 छात्र रहे।

हर जिले में चार आदर्श महिला परीक्षा केंद्र बनाये गये। छात्राओं के लिए बनाये गये आदर्श परीक्षा केंद्रों पर वीक्षक एवं स्टैटिक मजिस्ट्रेट सहित सभी महिला अधिकारी-कर्मचारी तैनात की गयीं। कदाचारमुक्त परीक्षा संचालन को लेकर परीक्षा केंद्रों पर त्रिस्तरीय मजिस्ट्रेसी व्यवस्था की गयी। इसके तहत जोनल, सब जोनल एवं सुपर जोनल स्तर पर मजिस्ट्रेट तैनात किये गये। हर परीक्षा केंद्र पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस के सशस्त्र जवान तैनात हैं। परीक्षा प्रारंभ होने के 10 मिनट पहले परीक्षा केंद्रों में परीक्षार्थियों के प्रवेश की व्यवस्था पर सख्ती से अमल हुआ।

परीक्षा केंद्रों के दो सौ गज की परिधि में धारा-144 लागू करने की व्यवस्था की गयी। प्रश्नपत्रों के 10 सेट तैयार किये गये। ऑब्जेक्टिव एवं सब्जेक्टिव दोनों में 100 प्रतिशत प्रश्नों के अतिरिक्त विकल्प दिये गये। परीक्षा केंद्रों के मुख्य प्रवेश द्वार एवं परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये। हर परीक्षा केंद्र पर सम्पूर्ण परीक्षा संचालन प्रक्रिया की वीडियो रिकार्डिंग के लिए 500 परीक्षार्थियों पर एक वीडियोग्राफर तैनात किये गये।

208 निष्कासित, 53 फर्जी परीक्षार्थी गिरफ्तार

राज्य में मैट्रिक की परीक्षा से अब तक 208 नकलची निष्कासित हुए। इसके साथ ही दूसरे के बदले परीक्षा देते 53 फर्जी परीक्षार्थियों की गिरफ्तारी हुई। इनमें 11 नकलची मंगलवार को परीक्षा से निष्कासित किये गये। मंगलवार को ही तीन फर्जी परीक्षार्थी भी गिरफ्तार हुए।

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को मिली रिपोर्ट के मुताबिक मैट्रिक की परीक्षा में मंगलवार तक सर्वाधिक नकलची भोजपुर से निष्कासित हुए। वहां निष्कासित होने वाले नकलचियों की संख्या 48 है। मुंगेर दूसरे स्थान पर रहा, जहां से निष्कासित होने वाले नकलचियों की संख्या 24 रही। नालंदा और सारण तीसरे स्थान पर रहे। दोनों जिलों से 20-20 नकलची निष्कासित किये गये। चौथा स्थान पर रोहतास रहा, जहां निष्कासित नकलचियों की संख्या 13 रही। पांचवां स्थान पर औरंगाबाद रहा, जहां 11 नकलची निष्कासित हुए। छठा स्थान पर वैशाली और जमुई रहा। दोनों जिलों से निष्कासित नकलचियों की संख्या 10-10 रही।

इसी प्रकार मधेपुरा से नौ, सीवान से सात, गया से छह, सुपौल से पांच, समस्तीपुर से चार, सहरसा एवं बेगूसराय से तीन-तीन, अरवल, भागलपुर एवं सीतामढ़ी से दो-दो, लखीसराय, बक्सर, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी एवं अररिया से एक-एक नकलची परीक्षा से निष्कासित हुए हैं।

दूसरी दूसरे के बदले परीक्षा देने वाली फर्जी परीक्षार्थियों की गिरफ्तारी में सुपौल पहले स्थान पर रहा। वहां से 11 फर्जी परीक्षार्थियों की गिरफ्तारी हुई। गया और मधेपुरा दूसरे स्थान पर रहा। दोनों जिलों से नौ-नौ फर्जी परीक्षार्थी गिरफ्तार हुए। मुंगेर तीसरे स्थान पर रहा, जहां से पांच फर्जी परीक्षार्थियों की गिरफ्तारी हुई। चौथा स्थान पर जहानाबाद रहा, जहां से चार फर्जी परीक्षार्थी गिरफ्तार हुए। पांचवां स्थान नवादा का रहा। वहां से तीन फर्जी परीक्षार्थियों की गिरफ्तारी हुई। पटना, भोजपुर एवं कैमूर छठा स्थान पर रहा। इन जिलों से दो-दो फर्जी परीक्षार्थी गिरफ्तार हुए। औरंगाबाद, अरवल, भागलपुर, खगडिय़ा, बक्सर एवं दरभंगा सातवें स्थान पर रहा। इन जिलों से एक-एक फर्जी परीक्षार्थी गिरफ्तार हुए।

अध्यक्ष ने देखा, कैसी चल रही परीक्षा

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनन्द किशोर मैट्रिक की परीक्षा के संचालन की स्थिति का जायजा लेने के लिए मंगलवार को यहां राजधानी के परीक्षा केंद्रों पर औचक रूप से पहुंचे।  उन्होंने जिन परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण किया, उनमें देवीपद  चौधरी (मिलर) इंटर स्कूल तथा कमला नेहरू बालिका उच्च विद्यालय शामिल हैं। निरीक्षण के क्रम में श्री आनन्द किशोर ने सभी केंद्रों के केंद्राधीक्षक से परीक्षा संचालन के संबंध में जानकारी ली तथा सभी मुख्य विषयों की परीक्षा कोरोना गाईडलाइन्स के अनुसार सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए बधाई दी।

श्री आनन्द किशोर ने कमला नेहरू बालिका उच्च विद्यालय आदर्श परीक्षा केंद्र में की गयी व्यवस्था का भी जायजा लिया। आदर्श परीक्षा केंद्र पर वीक्षक एवं स्टैटिक मजिस्ट्रेट सहित सभी महिला अधिकारी-कर्मचारी तैनात थीं। फूल, गुब्बारों एवं कार्पेट से आदर्श परीक्षा केंद्र को सजाया गया था। अध्यक्ष ने परीक्षा में पूछे गये सवालों को लेकर परीक्षार्थियों से जानकारी ली। इसके साथ ही विजीटर रजिस्टर में भी इंट्री की।