पटना

बिहार में खुलेंगे 12 राजकीय डिग्री कॉलेज


वर्तमान वित्तीय वर्ष में 12 अंगीभूत कॉलेज विहीन अनुमंडलों को तोहफा

      • बोध गया में बनेगा सौ बेड का हॉस्टल
      • शुरू हो रही यूनिवर्सिटी-कॉलेजों के धरोहर भवनों की सुरक्षा की योजना

डॉ. लक्ष्मीकान्त सजल-

पटना। राज्य में 12 अनुमंडलों में एक-एक राजकीय डिग्री कॉलेज स्थापित किये जायेंगे। 12 अनुमंडलों में एक-एक राजकीय डिग्री कॉलेज की स्थापना शिक्षा विभाग की वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 की भावी योजना में शामिल है। ये 12 ऐसे अनुमंडल हैं, जहां अंगीभूत डिग्री कॉलेज नहीं हैं। शिक्षा विभाग की वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 की भावी योजना के तहत संबंधित 12 अनुमंडलों में एक-एक राजकीय डिग्री कॉलेज स्थापित करने  की योजना है।

इन 12 अनुमंडलों में सहरसा जिले का सिमरी बख्तियारपुर, कटिहार जिले के का मनिहारी, बेगूसराय जिले का तेघड़ा एवं बलिया, खगडिय़ा जिले का बखरी, गया जिले का नीमचक बथानी, बक्सर जिले का जगदीशपुर, सुपौल जिले का त्रिवेणीगंज, नवादा जिले का रजौली, भोजपुर जिले का पीरो, सीतामढ़ी जिले का पुपरी तथा वैशाली जिले का महुआ शामिल है।

दरअसल, राज्य सरकार का यह नीतिगत फैसला है कि जिन अनुमंडलों में अंगीभूत डिग्री कॉलेज नहीं हैं, वहां एक-एक राजकीय डिग्री कॉलेज स्थापित किये जायेंगे। इसके मद्देनजर ऐसे 18 अनुमंडल चिन्हित किये गये, जहां एक भी अंगीभूत डिग्री कॉलेज नहीं हैं। इनमें से छह अनुमंडलों में एक-एक राजकीय डिग्री कॉलेज स्थापित किये जा सके हैं। इन छह अनुमंडलों में पश्चिम चंपारण जिले का बगहा, पूर्णिया जिले का वायसी, नालंदा जिले का राजगीर, पूर्वी चंपारण जिले का पकड़ी दयाल, दरभंगा जिले का बेनीपुर एवं शिवहर  जिले का शिवहर अनुमंडल शामिल है। ये सभी छह राजकीय डिग्री कॉलेज संबंधित क्षेत्राधिकार वाले पारंपरिक विश्वविद्यालय के अंगीभूत इकाई के रूप में फंक्शनल हो चुके हैं। अब, बाकी 12 अनुमंडलों की बारी है।

इन 12 अनुमंडलों में एक-एक राजकीय डिग्री कॉलेज की स्थापना के साथ ही वर्तमान वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 में विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए आवश्यकतानुसार आधारभूत सुविधाएं भी उपलब्ध करायी जायेंगी। मगध विश्वविद्यालय मुख्यालय बोध गया में एक सौ बेड वाले हॉस्टल का निर्माण होगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 में विश्वविद्यालयों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों के धरोहर भवनों के सुरक्षात्मक कार्य को भी जमीन पर उतारने की शिक्षा विभाग की योजना है।

इसके तहत राज्य के विश्वविद्यालयों में अव्वल माने जाने वाले पटना विश्वविद्यालय का धरोहर व्हीलर सिनेट हॉल की ढाई करोड़ रुपये की लागत से मरम्मती होगी तथा बी.आर.ए. बिहार विश्वविद्यालय के लंगट सिंह कॉलेज के धरोहर भवनों की सुरक्षा के लिए 16 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य प्रारंभ किये जायेंगे। पटना विश्वविद्यालय में 150 करोड़ रुपये की लागत से प्रशासनिक एवं अकादमिक भवन के निर्माण एवं नवस्थापित पूर्णिया विश्वविद्यालय में छह करोड़ 18 करोड़ रुपये की लागत से चहारदिवारी निर्माण की योजना भी वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 में ही शुरू होने वाली है।