पटना सहित कई जिलों में हुई झमाझम बारिश, अगले तीन चार दिनों तक बारिश और वज्रपात का येलो अलर्ट जारी
पटना (आससे)। दक्षिण पश्चिम मानसून ने 12 सालों के बाद बिहार में समय से पहले दस्तक दे दी है। शनिवार को बागडोगरा से चलकर धनबाद होते हुए बिहार में मानसून ने पूर्णिया के रास्ते प्रवेश किया। कुछ ही घंटों में इसका प्रसार दरभंगा तक हो गया। फलस्वरूप राज्य में शनिवार को सुबह से ही झमाझम बारिश होती रही और मौसम सुहाना हो गया। रविवार को यह पटना सहित राज्य के शेष हिस्सों तक प्रसार पा जाएगा। बिहार में अगले तीन चार दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश और वज्रपात का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के निदेशक विवेक सिन्हा ने बताया कि बिहार में मानसून के प्रवेश का मानक समय 13 जून है। इस बार समय से एक दिन पूर्व मानसून सूबे में पहुंचा है। इससे पहले आठ जून 2008 को समय से पांच दिन पहले मानसून ने सूबे में दस्तक दी थी जो पिछले 15 सालों में सबसे बेहतर रिकॉर्ड है।
शनिवार को पटना, वैशाली, सारण, भोजपुर, रोहतास, खगडिय़ा, बेगूसराय, बक्सर, भभुआ, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गया, नालंदा और जहानाबाद में रिमझिम बारिश होती रही। पश्चिम चंपारण में बारिश की तीव्रता कुछ अधिक रही। इस दौरान 30 से 40 किमी की रफ्तार से हवा चलती रही। पिछले 24 घंटों में सबसे ज्यादा बारिश भभुआ में 120 मिमी, अधवारा में 100 मिमी, मुंगेर, दरभंगा और सौलीघाट में 60 मिमी, खंडवा, बायसी, जयनगर, चंदन, कटिहार, समस्तीपुर, अमरपुर, बक्सर और खगडिय़ा में 40 मिमी बारिश दर्ज की गई। शनिवार को पटना में 12 मिमी और भागलपुर में 14 मिमी बारिश हुई।
मानसून के आगमन से मौसमविदों, किसानों और कृषि विशेषज्ञों में खुशी है। खेतों को धान की बुआई और रोपनी के लिए तैयार किया जाने लगा है। मानसून के आगमन को लेकर मौसम विज्ञान केंद्र पटना के आकलन की सटीकता भी साबित हुई है। बेहतर पूर्वानुमान को लेकर कृषि संगठनों ने भी मौसम विज्ञान केंद्र पटना को बधाई दी है। कृषि विशेषज्ञों ने भी मानसून के समय पूर्व आगमन को खेती किसानी के लिए बेहद अनुकूल माना है।
मौसम विभाग ने पूर्वानुमान कर कहा है कि सूबे में अगले तीन चार दिनों तक गरज के साथ बारिश की स्थितियां बनी रहेगी। अगले 24 घंटे में वज्रपात की भी आशंका है। मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी कर आकाशीय बिजली से बचने को लेकर लोगों को सचेत किया है। वेबसाइट, ट्वीटर व आईएमडी की अन्य आधिकारिक स्रोतों से आ रहे अलर्ट पर नजर रखने की सलाह दी है।
मौसम विज्ञान केंन्द्र ने जून महीने में सूबे में सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वानुमान किया है। इसकी वजह मानसून की सक्रियता है।