जनता मालिक, जन प्रतिनिधि सेवक; सब मिलजुल कर करेंगे काम तो होगा विकास : नीतीश
(आज समाचार सेवा)
पटना। बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी वर्ष समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि लोकतंत्र में जनता मालिक है, जन प्रतिनिधि तो उनके सेवक हैं। अगर हम सब मिल जुल कर काम करेंगे तो विकास होगा और बिहार आगे बढ़ेगा। सदन किसी भी जन समस्या के निदान का बेहतर प्लेटफार्म है। जन समस्या के निदान के लिए अगर सत्र की अवधि को बढ़ाना जरूरी हुआ तो हम उसे बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में विधायकों की भूमिका पर चर्चा कराना सराहनीय है। विधानसभा भवन के १०० साल शुरू होने को लेकर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी है। बिहार को पूर्ण राज्य का दरजा मिलने के १०० वर्ष पूरा होने पर २०१६ से ही २२ मार्च को बिहार दिवस के रुप में मनाते हैं। कई कार्यक्रम हुए थे उसमें पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और कलाम साहब भी आये थे। सबों ने बिहार के विकास गाथा को जानने में अभिरूचि ली थी। उसी वक्त हमें पता चला कि रामाश्रय बाबू पिछले ५० वर्ष से विधानमंडल के सदस्य रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विधानमंडल में जो सदस्य निर्वाचित होकर आते हैं वे सिर्फ जनता के ही प्रतिनिधि नहीं होते बल्कि समाज का आइना होते हैं। लोकतत्र में अपनी जिम्मेवारियों व दायित्वों को उन्हें बखुबी समझना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब लोगों की सरकार है। सिर्फ सत्तारूढ पार्टी की ही सरकार नहीं है। सभी विधायक सरकार हैं। सदस्यों ने जो बातें कही है उस पर गौर करना होगा।
शताब्दी दिवस समारोह पूरे वर्ष भर चलेगा। इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले हैँ। ऐसा कार्यक्रम चले जो देश और दुनिया के लिए नजीर बने। देश को पता चले कि यहां कितनी जागृति है। आगे हमें इस तरह की भूमिका निभानी है, लोकतंत्र कैसे मजबूत हो। उन्होंने कहा कि यहां तो जनता राज है, मालिक जनता है, जन प्रतिनिधि तो सेवक हैं। सेवा करने के लिए सभी सदस्यों में कमिटमेंट होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मानीय सदस्य क्षेत्र में घुमेंगे तो उन्हें वहां की समस्या का पता चलेगा। उसे आप सार्वजनिक रुप से रखिये यह आपका अधिकार और कर्तव्य है। कोरोना के दूसरे चरण का टीका लगना शुरू हो गया है उम्मीद है कि अगले कुछ महीने में इससे मुक्ति मिल जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट सत्र लंबा चलता है। उसे और लंबा करना चाहिए। सदस्यों को प्रश्न पूछने के लिए सत्र की अवधि बढाया जाना चाहिए। मिल कर बात रखेंगे तो इसका सही जवाब मिलेगा। सदन अधिक दिन तक चले तो अच्छी बात होगी। सदन में जब बात उठेगी तो सरकार पर भी उसका असर पड़ेगा। लोकतंत्र के प्रति लोगों का समर्पण बेहतर होगा।
कालक्रम में श्री बाबू, अनुग्रह बाबू और कर्पूरी ठाकुर की सरकार ने भी बेहतर काम किया था। सेवा किया। बिहार आगे बढ़ा। बिहार को और आगे बढ़ाना है। समाज में प्रेम, भाईचारा और सदभाव का माहौल बनाना है। उन्होंने कहा के कुछ लोग तो गड़बड़ी फैलाने के लिए होते हैं, प्रेम, भाईचारा व दभावना का माहौल बनेगा तो देश आगे बढ़ेगा। सदन में जो अपको सही लगे उसे कहने का आपका अधिकार है। समस्या का निदान करना हमारा कर्तव्य है हमारा तो सेवा करना धर्म है। शतब्दी वर्ष में एक कार्यक्रम ऐसा आयोजित होना चाहिए जिसमें वर्तमान के साथ-साथ पूर्व विधायक एक साथ बैठें इससे लोगों को चीजों को समझने में मदद मिलेगी। हम सबों को मिल कर लोकतांत्रिक रूप से एक दूसरे का इज्जत करना चाहिए। पर्यावरण की रक्षा करना हम सबों का दायित्व है।
इससे पूर्व विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि शताब्दी वर्ष को विशेष अवसर मानकर हमे अपने आपको गौरवान्वित समझना चाहिए। पुराने सदस्यों का एक अपना अनुभव होता है। उन्हें याद करना चाहिए। २००० में बिहार को विभाजित कर झारखंड अलग राज्य बना। लोगों के मन में उस समय निराश थी। संपदा झारखंड चली गयी। हम भी दुविधा में थे कि झारखंड में रहे या बिहार में। अंत में निर्णय लिया कि बिहार मेरी माता है। सत्ता को गोद में नहीं जाउंगा। उन्होंने कहा कि जन नायेक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न का अबार्ड मिलना चाहिए।
पूर्व विधानसभाध्यक्ष एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि सात फरवरी का बिहार की विधायिका में एक अलग स्थान है। पांच वर्ष पूर्व यह कार्यक्रम शुरू हुआ उसे आगे बढ़ाया गया है। मैने अपने कार्यकाल में कई कार्यक्रमों का आयोजन कराया था।
इससे पूर्व शताब्दी वर्ष समारोह की शुरूआत दीप प्रज्जवलित कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विधानसभाध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा, उप मुख्यमंत्री रेणु देवी व तारकिशोर प्रसाद, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी और विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने किया।