पटना (आससे)। वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा कि हमसे कहा गया था कि आपको राज्यसभा भेजेंगे। वर्ष 2025 में बिहार का मुख्यमंत्री बनायेंगे। आप, मेरी पार्टी में विलय कर लीजिए। पर, हमने कहा कि मेरा उद्देश्य है निषाद समाज को एससी-एसटी में आरक्षण, केंद्र सरकार लागू कर दे तो मैं पार्टी उनके हवाले कर दूंगा। यह भी कहा कि मुझे छह साल के लिए एमएलसी बनाने की बात थी। बता दें कि सोमवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने दावा किया था कि मुकेश सहनी ने अपनी पार्टी वीआईपी का विलय भाजपा में करने का भरोसा दिया था, लेकिन बाद में वे इससे मुकर गए।
मुकेश सहनी ने कहा कि हम किसी की अनुकंपा पर मंत्री नहीं बने थे और न ही एमएलसी हैं। मेरी ताकत थी, इसलिए मुझे एनडीए में शामिल किया गया। हमारे सहयोग से राज्य में एनडीए की सरकार बनी थी। अब, मुझे साजिश के तहत अपने ही घर से बाहर कर दिया गया है। पर, मैं अपने निषाद समाज और गरीब-गुरबों के हक की लड़ाई जारी रखूंगा। आगे के चुनावों में जनता माकूल जवाब देगी।
ग़ैर परम्परागत मछुआरे को मत्स्यजीवी सहयोग समिति का ऑनलाइन सदस्य बनाने के कार्य पर मुकेश सहनी ने कहा कि इस पर पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग से मंतव्य तक नहीं लिया गया। मेरा उद्देश्य अधिक-से-अधिक मछुआरों को समिति का सदस्य बनाना था, ताकि उनको किसान सम्मान निधि के 6000 रुपए मिल सके।