पटना

बेगूसराय: पंचायत शिक्षक नियोजन इकाई में धांधली का लगा आरोप


बेगूसराय (आससे)। जिसका अंदेशा था वही बात हो चली तू डाल-डाल तो मैं पात-पात पंचायत नियोजन इकाई का हो चला है। पंचायत नियोजन इकाई में धांधली का कोई यह नहीं मामला नहीं है इसके पूर्व भी कई पंचायत पर आरोप लग चुका है। तो, वहीं कुछ पंचायत नियोजन इकाई द्वारा कई शिक्षकों का फोल्डर ही गायब कर देने की बात आई थी। सही अभ्यार्थी टपला खाते हैं तो वहीं गलत अभ्यार्थी शिक्षक बन जाते हैं। यह सभी खेल पंचायत नियोजन मे खूब चलता है।

ऐसा ही एक मामला सांख पंचायत का है जहां पर 3 सीट पर अभ्यर्थियों का चयन होना था। सही अभ्यार्थी की अनदेखी कर गलत तरीके से शिक्षक का चयन कर दिया जाता है। शिक्षा विभाग के कदाचार मुक्त काउसलिंग कराने का दावा एक बार फिर से सेटिंग-गेटिंग में उलझता जा रहा है। पंचायत शिक्षक नियोजन सांख पंचायत में 310 नम्बर के एक शिक्षक अभ्यर्थी की मेधा सूची 42 नम्बर के शिक्षक के जगह बना दी गई है। अब जब मामला विभागीय स्तर पर उजागर हुआ तो उसके जगह कई लोग कदाचार का अरोप लगाकर खुद का लाभ लेने के चक्कर में लगे हैं।

सूत्रों के अनुसार काउसलिंग के दौरान 69 प्रतिशत अंक वाले एक शिक्षक अभ्यर्थी जिनका मेधा क्रमांक 310 था। काउंसलिंग के दौरान गलत तरीके से 42 क्रमांक वाले शिक्षक अभ्यर्थी के जगह उनका काउंसलिंग कर लिया गया। बाद में फार्म जमा होने के बाद उनका क्रमांग सुधार कर 310 अंकित कर दिया गया। यानि काउंसलिंग के हिसाब से जिस वक्त 310 मेधा क्रमांक वाले शिक्षक का 42वें स्थान के शिक्षक के जगह काउसलिंग की जा रही थी, उस समय बाकि के शिक्षक अनुपस्थित थे। मालूम हो कि पंचायत शिक्षक नियोजन के लिए काउंसलिंग में इस बार सांख पंचायत की शुरूआत हुई है। हालांकि यह मामला तब सामने आया जब शिक्षक अभ्यर्थी ने इसका विरोध किया।

ऐसा ही मामला सबुत सार्वजनिक नहीं करने के सवाल पर एक शिक्षक ने बताया कि मेधा सूची में गड़बड़ी का मामला आने के बाद हर कोई रुपए लेकर भी अपने अभ्यर्थी को लाभ दिलाने के चक्कर में है। जबकि कुछ लोग इस काउसलिंग को ही दोबारा कराने की मांग कर रहे हैं। सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि शिक्षक नियोजन को लेकर शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई थी जिनका कार्य था कि सभी मेधा सूची को संग्रह कर उसे अपलोड करना वही इसकी मॉनिटरिंग का कार्य प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के ऊपर भी था।

आखिरकार यह चूक कैसे हुई क्या जानबूझकर इसमें कुछ लोग संलिप्त थे, यह एक जांच का विषय है। हालांकि इस संदर्भ में जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान में आया है। फाइल मंगवाया गया है जिसकी जांच की जा रही है अगर जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।