- नहीं हो सका पीएम का लाइव संबोधन
- बोधि वृक्ष की छांव में की गई विशेष पूजा-अर्चना
बोधगया। कोरोना महामारी के चलते इस बार वैशाख पूर्णिमा पर बोधगया में भगवान बुद्ध की 2565वीं जयंती सादगीपूर्ण माहौल में मनाई गई। महाबोधिमंदिर में बीटीएमसी के बौद्ध भिक्षुओं ने बोधिवृक्ष के नीचे विशेष पूजा अर्चना की। भगवान बुद्ध की जयंती पर पीएम मोदी का लाइव संबोधन भी था। वे बोधगया मंदिर से आनलाइन जुड़ने वाले थे। परन्तु तकनीकी समस्या और मौसम की स्थिति के कारण पूजा प्रार्थना की लाइव स्ट्रीमिंग बाधित हो गई। हालांकि, डीएम अभिषेक सिंह का कहना है कि यह संभावित नहीं था।
भगवान बुद्ध की जयंती पर बोधगया में भव्य आयोजन हुआ करता था। देश-विदेश से भी अतिथि आते थे। लेकिन, इस साल कोरोना की वजह से सिर्फ कुछ बौद्ध भिक्षुओं की मौजूदगी में ही पूजा की गई। बोधगया में रह रहे बौद्ध श्रद्धालु और बौद्ध भिक्षुओं ने मंदिर के बाहर से ही भगवान बुद्ध को नमन किया एवं भगवान बुद्ध की जयंती मनायी। बोधगया टेंपल मैनेजमेंट कमेटी के कार्यालय से बौद्ध धर्म गुरु द्वारा पवित्र खीर तैयार किया गया। इसके बाद इसे महाबोधि मंदिर ले जाया गया और भगवान को अर्पित किया गया। महाबोधि मंदिर के परिसर में स्थित पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे विश्व शांति व कोरोना महामारी से बचाव को लेकर विशेष पूजा-अर्चना की गई।
महाबोधि मंदिर के बाहर से भी की गई विशेष पूजा-अर्चना लाक डाउन के चलते बोधगया में रह रहे बौद्ध भिक्षुओं ने महाबोधि मंदिर परिसर के बाहर से ही भगवान बुद्ध को नमन किया। इसी जगह से बौद्ध भिक्षुओं द्वारा विश्व शांति व कोरोना महामारी से बचाव को लेकर विशेष प्रार्थना सभाका आयोजन किया गया। यहाँ पर पूजा कर रहे बौद्ध भिक्षुओं का कहना था कि भगवान बुद्ध की जयंती के दिन हम लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के तहत मंदिर में पूजा करने का परमिशन मिलना चाहिए था। मंदिर के अंदर प्रवेश वर्जित होने के कारण बाहर से ही हम लोग भगवान बुद्ध की जयंती मना रहे हैं।