अन्तर्राष्ट्रीय

ब्रिटेन और यूरोपीय संघके बीच हुआ ऐतिहासिक समझौता


लंदन(हि.स.)। ब्रिटेन और यूरोपीय यूनियन के देशों के बीच लंबे समय तक चले विवाद के बाद अंतत: क्रिसमस की पूर्व संध्या पर ब्रेक्जिट ट्रेड डील पर आम सहमति बन गई है। ब्रेक्जिट डील के बाद अब ब्रिटेन यूरोप के एकल बाजार का हिस्सा नहीं रहेगा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस डील की पुष्टि की है। ब्रितानी पीएम बोरिस जॉनसन ने इसे शानदार खबर बताते हुए कहा कि पैसे, सीमा, कानूनों, व्यापार और मछली पकडऩे के समुद्री क्षेत्र को वापस ले लिया है। नई ब्रेक्जिट डील की सबसे खास बात दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक में टैरिफ फ्री और कोटा फ्री पहुंच है। यह यूरोपीय संघ की कनाडा या जापान के साथ हुई डील से बढ़कर है। इस डील से ब्रिटेन के वे व्यापारी राहत की सांस लेंगे जो कोरोना वायरस महामारी के बाद सीमा पार व्यापार में मुश्किलों और आयात पर टैक्स से डरे हुए थे। ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के बीच विश्वसनीय व्यापारिक कार्यक्रमों को मान्यता दी जाएगी। इसका मतलब यह होगा कि ब्रिटेन के निर्माताओं को ब्रिटिश और यूरोपीय संघ के मानकों का पालन करना होगा। दोनों पक्षों के बीच सीमा पार कितने उत्पादों का व्यापार किया जा सकता है, इसकी कोई सीमा (कोटा) निर्धारित नहीं किया गया है। इस डील के बाद अब यूरोपीय यूनियन और ब्रिटेन में डॉक्टरों, नर्सों, आर्किटेक्ट, डेंटिस्ट, फार्मासिस्ट, पशुओं के डॉक्टर और इंजीनियरों को स्वत: मान्यता नहीं मिल जाएगी। इन पेशेवरों को अब उन देशों से मान्यता लेनी होगी जिन देशों में वे काम करने के इच्छुक हैं। ब्रेक्जिट डील के बाद अब ब्रिटेन के लोगों को यूरोपीय संघ के देशों में काम, अध्ययन, बिजनस शुरू करने या रहने की छूट नहीं होगी। यही नहीं अगर ब्रिटेन के लोग यूरोपी संघ के देशों में 90 दिन से ज्यादा रहते हैं तो उन्हें वीजा लेना होगा। हालांकि विदेशों में कुछ सामाजिक सुरक्षा लाभों जैसे वृद्धावस्था पेंशन और हेल्थकेयर के समन्वय से काम करना आसान होगा। ब्रिटेन साझा मछली पकडऩे की नीति से पीछे हट जाएगा। अभी तक ब्रिटिश समुद्री सीमा में यूरोपीय देशों के मछुआरे 65 करोड़ पाउंड की मछली पकड़ते थे, वहीं ब्रिटेन के जहाज 85 करोड़ पाउंड की मछली पकड़ते थे। नई डील में यूरोपीय संघ का कोटा अगले साढ़े पांच साल में चरणबद्ध तरीके से 25 प्रतिशत कम हो जाएगा। मछली पकडऩे को लेकर ही ब्रिटेन का फ्रांस के साथ गंभीर विवाद हो गया था। बता दें कि इस ब्रेक्जिट डील को लागू करने के लिए इसका ब्रिटेन और यूरोपीय संघ, दोनों की संसद में पारित होना ज़रूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए 30 दिसंबर को ब्रिटेन की संसद में वोटिंग होगी। इस साल 31 जनवरी को ब्रिटेन आधिकारिक रूप से यूरोपीय यूनियन से अलग हो गया था। इसके बाद से ही दोनों पक्ष व्यापार के नए नियम तय करने के लिए बातचीत कर रहे थे। डील के बाद बोरिस जॉनसन ने कहा कि 668 बिलियन पाउंड की यह डील हर साल ‘पूरे देश में नौकरियां बचाएगीÓ और ‘ब्रिटेन के सामानों को यूरोपीय संघ के बाजारों में बिना किसी टैक्स या कोटा के बेचे जाने में मदद करेगी।Ó