भदोही, ज्ञानपुर

भदोही: कई गांवों में जलप्लावन, फसलें बर्बाद, घरों में घुसने को बेताब गंगा


छेछुआ, भुर्रा गांव में मिट्टी कटकर गंगा में हो रही समाहित
कोइरौना (भदोही)। लगातार जलवृद्धि के कारण गंगा नदी उफान पर हैं। डीघ क्षेत्र के आधा दर्जन गांव बाढ़ प्रभावित इलाके की दृष्टि से बेहद संवेदनशील हैं। डीघ के गांव बसगोती मवैया कलिक मवैया हरिरामपुर तुलसीकला धनतुलसी भभौरी छेछुआ भुर्रा इटहरा गजाधरपुर कुड़ीखुर्द मवैयाथानसिंह दुगुना गांव की तराई इलाके की हजारों बीघे अरहर व बाजरे की फसल को बाढ़ के पानी ने नष्ट कर दिया है। इटहरा गांव स्थित बाबा गंगेश्वर नाथ मंदिर तक बाढ़ का पानी हिलोरें मार रहा है। हरिरामपुर गांव का शिवमंदिर पानी से घिर गया है।
हरिरामपुर में रास्ते आदि पर बाढ़ का पानी
उधर छेछुआ भुर्रा गजाधरपुर मवैयाथानसिंह हरिरामपुर में तीव्र गति से जमीन कटकर गंगा में समाहित हो रही है। कटान की स्थिति बेहद भयावह और डरावनी है। हरिरामपुर गांव से डेंगूरपुर घाट की ओर जाने वाले खड़ंजा मार्ग व वहां स्थित मोटरसाइकिल रिपेयरिंग दुकान के पास एक फीट ऊंचाई तक पानी लग गया है। हरिरामपुर गांव में बस्ती की ओर पानी घुसने लगा है। बीती रात हरीरामपुर तुलसीकला व गजाधरपुर गांव के अंदर जाने वाला पीडब्ल्यूडी पिच मार्ग पर भी पानी आ गया। तुलसीकला गांव में भारी जल प्लावन की खबर है। बाढ़ के पानी ने सैकड़ों बीघे बाजरे की फसल बर्बाद कर दिया है। बारीपुर गांव के तटवर्ती इलाकों के धान बोये गए पच्चीसों बीघे खेत में लबालब पानी भर गया है। सीतामढ़ी स्थित महर्षि बाल्मीकि घाट की पक्की सीढ़ियां गंगा के पानी से लगभग डूब गई हैं। सीतामढ़ी स्थित उड़िया बाबा आश्रम तीन तरफ से गंगा के पानी से बुरी तरह घिर गया है। उड़िया बाबा घाट वाला रास्ता डूब गया है तो रास्ता वाला गेट तक पानी पहुंच गया है। रामजानकी मंदिर के पास पानी पहुंच गया है। कोनिया क्षेत्र के कई गांवों में नालों बंधों आदि में गंगा के बाढ़ का पानी घुसने लगा है। फुलवरिया बारीपुर कलिंजरा गांव के नालों बंधियो में रौद्र रूप धारण कर चुकी गंगा का पानी घुस रहा है।
जलप्लावन
बारीपुर मल्लाह बस्ती के विल्कुल समीप तक पानी पहुंच गया है। छेछुआ में कटान तेज है तो बस्तियों के समीप पानी पहुंच गया है। गांव में बने सामुदायिक शौचालय के पास पानी पहुंच गया है। गंगा का पानी धनतुलसी मुस्लिम बस्ती के समीप पानी है। डीघ तलवां में फसलें बर्बाद होने के कगार पर हैं। कलिक मवैया गांव के लोहार बस्ती धोबी बस्ती व कुर्मी बस्ती में पानी घुसने को बेताब दिख रहा है। तो बसगोती मवैया के ठाकुर बस्ती से पानी थोड़ी दूर है। गांवों में कटान बेहद तीव्र हो गई है। उधर सेमराध घाट पर गंगा का पानी महज आधा दर्जन सीढ़ीयों के नीचे है।