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मकर संक्रांति पर शुभ मुहूर्त में ही करें पूजन, आप भी करें ये कार्य तो दूर होगी हर पीड़ा


हाथरस, । मकर संक्रांति पर इस बार दो तिथियों को लेकर लोग उलझन में हैं। हालांकि संक्रांति तब शुरू होती है जब सूर्य देव राशि परिवर्तन कर मकर राशि में पहुंचते हैं। इस बार सूर्य देव 14 जनवरी की दोपहर 2 बजकर 27 मिनट पर गोचर कर रहे हैं। ज्योतिषाचार्य सीपुजी महाराज के अनुसार सूर्य अस्त से पहले यदि मकर राशि में सूर्य प्रवेश करेंगे, तो इसी दिन पुण्यकाल रहेगा। कोरोना को देखते हुए गंगा घाट पर सामूहिक स्नान के स्थान पर गंगा को ध्यान में रखते हुए घर पर ही स्नान कर सकते हैं।

सुबह सात बजे से शुरू होगा पुण्‍यकाल

ज्योतिषाचार्य सीपुजी महाराज बताया कि मुहूर्त चिंतामणि ग्रंथ के अनुसार मकर संक्रांति का पुण्यकाल मुहूर्त सूर्य के संक्रांति समय से 16 घटी पहले और 16 घटी बाद का पुण्यकाल होता है। इस बार पुण्यकाल 14 जनवरी को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शुरू हो जाएगा, जो शाम को 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगा. इसमें स्नान, दान, जाप कर सकते हैं. वहीं स्थिर लग्न यानि समझें तो महापुण्य काल मुहूर्त 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. इसके बाद दोपहर एक बजकर 32 मिनट से 3 बजकर 28 मिनट तक है।

इस दिन प्रातःकाल स्नान कर लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें और मंत्र का जाप करें। श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ करें या गीता का पाठ करें। नए अन्न, कंबल, तिल और घी का दान करें। भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं। भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद रूप से ग्रहण करें। संध्या काल में अन्न का सेवन न करें, इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का दान करने से शनि से जुड़ी हर पीड़ा से मुक्ति मिलती है।

तिल से बने सामानों की खूब रही मांग

मकर संक्रांति पर दान पुण्य का महत्व देखते हुए देखते हुए बाजार में तिल और तिल से बने हुए सामानों की खूब मांग चल रही है। गुड़ भी खूब खरीदा जा रहा है। दान- पुण्य करने के लिए बर्तन व अन्य सामान भी खरीदे जा रहे हैं। इस मौके पर दाल और चावल की दुकानों पर भीड़ दिखाई दे रही है। कपड़े और अन्य सामानों की जमकर खरीदारी की जा रही है।