रांची

मडुआ की खेती, प्रसंस्करण एवं मूल्य संबर्धन की मिली जानकारी


कौशल उन्नयन के पहले बैच का प्रशिक्षण सम्पन्न
मडुआ की खेती, प्रसंस्करण एवं मूल्य संबर्धन की मिली जानकारी
संस्था समर्पण एवं नाबार्ड की ओर से डंडाडीह पंचायत भवन में आयोजित एलईडीपी अंतर्गत मडुआ की खेती, प्रसंस्करण एवं मूल्यसंबर्धन विषय पर आधारित 15 दिवसीय कौशल उन्नयन प्रशिक्षण का पहला बैच सम्पन्न हुआ। समापन कार्यक्रम में नाबार्ड के डीडीएम हरिदत्त पोद्दार एवं बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक रश्मि उपस्थित हुए।
डीडीएम हरिदत्त पोद्दार ने कहा कि इस इलाके में मडुआ की खेती आज भी बड़े पैमाने पर होती है। जिले के अन्य प्रखंडों में धीरे-धीरे यह लुप्त होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें पौष्टिकता का खजाना है। जानकारी एवं पौष्टिकता की महता के आभाव में लोग न इसका सही कीमत अदा कर पा रहे हैं और न ही उपयोग कर पा रहे हैं। हालाँकि, आज यह अमीरों का भोजन बन गया है। समर्पण संस्था की इस पहल से निश्चित रूप से महिला किसानों को इसका लाभ मिलेगा। संस्था के द्वारा न सिर्फ मडुआ की खेती करने की विधि बताई गयी बल्कि, इसके द्वारा बनने वाले प्रोडक्ट, बाजार से लिंक, वित्तीय संसाधनों तक पहुँच आदि कैसे हो इसको लेकर जानकारी दी गयी। महिलाओं ने प्रशिक्षण के दौरान मडुवे का केक, बार्ली, होर्लिक्स, बिस्कुट, आटा, लड्डू, बर्भी आदि तैयार किया। बैंक ऑफ इंडिया, जयनगर के शाखा प्रबंधक रूचि रश्मि ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण से न सिर्फ इसका क्षेत्रफल का विस्तार होगा बल्कि, वास्तविक लाभ और मूल्य भी मिलेगा। संस्था सचिव इन्द्रमणि साहू ने कहा कि आज लोगों में सर्वाधिक बीमारी खान-पान में मौजूद रासायनिक पदार्थों की मौजूदगी के कारण हो रही है। इस खतरे से बचने-बचाने के लिये लोगों को एक बार फिर वर्षों पूर्व भुला दिये गए पारम्परिक मोटे अनाजों की तरफ लौटना होगा। प्रशिक्षक सुनील ठाकुर, सुरेन्द्र कुमार एवं पिंकी देवी ने अपने अलग-अलग सत्रों में मडुआ खाने के फायदे, वेज्ञानिक तरीके से खेती करने की विधि, जैविक खाद बनाने की तकनीक, साफ सफाई, पैकिंग, मार्केटिंग की व्यवस्था, प्रोडक्ट की गुणवत्ता, उधोग विभाग, बैंक या अन्य रोजगार से जुडी संस्थाओं से मदद, प्रसंस्करण के तरीके, पैकेजिंग, सर्टिफिकेशन आदि विषयों पर जानकारी दी। कार्यक्रम में मुख्य रूप से समर्पण के आजीविका उत्प्रेरक पूनम साहू, खेमान साव, रामचंद्र महतो सहित सरिता देवी, मुनिया देवी, प्रियंका देवी, किरण देवी, संतोषी देवी, राधिका देवी, अनीता देवी, मंजू देवी, ललिता देवी, रेनू देवी, रीना देवी, मुंद्रिका देवी, सुकुंती देवी सहित 40 महिला किसानों ने भाग लिया।