मालूम हो कि मध्य प्रदेश में पीएफआइ के स्टेट हेड अब्दुल करीम बैकरी को उसके घर से रात तीन बजे गिरफ्तार किया गया।
पीएफआइ के आफिस में भी छापा
मालूम हो कि इंदौर स्थित जवाहर मार्ग पर भी पीएफआइ के आफिस में छापा मारा गया है। मालूम हो कि पीएफआइ का एक प्रमुख पदाधिकारी पहले से हीं जिलाबदर है।
एनआइए की टीम देशभर में पीएफआइ ठिकानों पर कर रही कार्रवाई
जानकारी हो कि गुरुवार सुबह से एनआइए की टीम देशभर में पीएफआइ के ठिकानों पर कार्रवाई कर रही है। खरगोन में हुद दंगों में पीएफआइ के शामिल होने की बात कही जाती रही है। मालूम हो कि टेरर फंडिंग से जुड़े दस्तावेज समेत साहित्य मिलने की बात भी सामने आ रही है।
जानकारी हो कि अपने स्थापना दिवस पर उज्जैन में 17 फरवरी 2021 को पीएफआइ ने सभा में आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया था। पीएफआइ का संगठन मालवा-निमाड़ के इलाके में काफी एक्टिव बताया जाता है। गौरतलब है कि सिमी भी इसी इलाके में सक्रिय रहा है। इंदौर में भी सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश में पीएफआइ से जुड़े लोगों पर कार्रवाई की जा चुकी है।
एनआइए ने पीएफआइ के जमील शेख को उज्जैन से किया गिरफ्तार
जानकारी के अनुसार पीएफआइ के सदस्य उज्जैन में सक्रिय रहे हैं। 17 फरवरी 2021 को पीएफआइ के सदस्यों ने एटलस चौराहे पर संगठन का स्थापना दिवस मनाया था। इस दौरान संगठन का झंडा फहराया गया था। मालूम हो कि उज्जैन में भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने गुरुवार सुबह 4.45 पर कार्रवाई की है। एनआइए की कार्रवाई को लेकर पुलिस के आला अधिकारी भी अनभिज्ञता जता रहे हैं। एनआइए मुस्लिम संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) से जुड़े जमील शेख नामक शख्स को गिरफ्तार कर ले गई है। जमील शेख पीएफआइ का प्रदेश महासचिव बताया जा रहा है। एजेंसी के अधिकारी चिमनगंज थाना क्षेत्र के गांधीनगर में स्थित जमील के घर पहुंचे। जमील परिवार के साथ सो रहा था। एनआइए ने उसे गिरफ्तार किया और घर की तलाशी ली।
सिमी जैसे संगठन भी सक्रिय
बता दें कि पीएफआइ के सदस्यों की संदिग्ध गतिविधियों पर भी निगरानी रखी जा रही है। वहीं, उज्जैन और आसपास के अंचल में सिमी जैसे संगठन भी सक्रिय रहे हैं। पुलिस का खुफिया तंत्र ऐसे संगठनों और उससे जुड़े लोगों पर लगातार नजर रखता है। सदस्यों ने त्रिपुरा हिंसा के विरोध में कलेक्टर को ज्ञापन दिया था। ज्ञापन में आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया गया। इस पर पुलिस ने धारा 188, 505 (1) सी, 505 (2), 295 ए, 153 ए में प्रकरण दर्ज किया था। हालांकि इन धाराओं में सात साल से कम सजा होने पर सभी को थाने से ही नोटिस देकर छोड़ दिया गया था।
मालूम हो कि कोविड प्रोटोकाल तोड़ने के कारण पुलिस ने पीएफआइ के सदस्यों पर प्रकरण भी दर्ज किया था। इस तरह नवंबर 2021 में भी पीएफआइ के छह सदस्यों पर केस दर्ज किए गए थे