उन्होंन चुनाव प्रभारी मिस्त्री से सवाल पूछा कि मतदाता सूची सार्वजनिक किए बिना निष्पक्ष चुनाव कैसे संभव होगा? निष्पक्ष चुनाव का सार ही यही है कि मतदाताओं के नाम और उनका पता पारदर्शिता के साथ पार्टी वेबसाइट पर प्रकाशित हो।’
एक अन्य ट्वीट में तिवारी ने कहा कि आपके (मिस्त्री) हवाले से कहा गया है कि सूची सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन अगर पार्टी का कोई सदस्य इसकी जांच करना चाहता है तो वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय आकर इसकी जांच कर सकता है। सूची प्रदेश कांग्रेस कार्यालयों में है और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को यह सौंप दी जाएगी।’
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए राज्यों में भटकना होगा? उन्होंने कहा कि क्लब के चुनाव में भी ऐसा नहीं होता! इन्हीं उठ रहे सवालों के साथ अध्यक्ष चुनाव से पहले कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती जा रही है।
मालूम हो कि रविवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में अध्यक्ष के चुनाव से संबंधित कार्यक्रम तय किए गए। इस दौरान मिस्त्री ने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में 9,000 से अधिक पीसीसी प्रतिनिधि (डेलीगेट्स) मतदान करेंगे और सभी सूचियां सत्यापित हो चुकी हैं और इन पर निर्वाचन अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षर किए जा चुके हैं।