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मार्च अंत तक इंटरऑपरेबल हो जाएंगे ई-वॉलेट


नई दिल्ली, । मार्च के अंत तक आपके ई-वॉलेट इंटरऑपरेबल हो सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) इंटरऑपरेबिलिटी के लिए 31 मार्च, 2022 की समय सीमा तय की थी। हालांकि, कुछ लोगों को ई-वॉलेट इंटरऑपरेबिलिटी को लेकर कंफ्यूजन हो सकता है, इसीलिए चलिए आपको बताते हैं कि आखिर इंटरऑपरेबिलिटी क्या होती है।

क्या होता है इंटरऑपरेबिलिटी?

आरबीआई के अनुसार, इंटरऑपरेबिलिटी एक टेक्निकल कम्पैटिबिलिटी है, जो एक पेमेंट सिस्टम को दूसरे पेमेंट सिस्टम के संयोजन के साथ उपयोग करने के लिए सक्षम बनाती है। पीपीआई कार्ड या ई-वॉलेट किसने जारी किया, इसके प्रभाव से बाहर यूजर्स किसी भी पेमेंट एक्सेप्टैंस प्वाइंट पर कार्ड/ई-वॉलेट का उपयोग कर सकते हैं।

आरबीआई के पूर्व कार्यकारी निदेशक जी पद्मनाभन का कहना है, “पेमेंट्स की दुनिया (यूपीआई) के माध्यम से पीपीआई इंटरऑपरेबिलिटी हासिल करना एक लय बदलने वाली पहल है।”

इंटरऑपरेबिलिटी पर आरबीआई के दिशानिर्देश

आरबीआई के नवीनतम दिशानिर्देशों में कहा गया है कि ऐसे मामलों में जहां पीपीआई डिजिटल वॉलेट हैं, इंटरऑपरेबिलिटी को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से प्रदान करना होगा, और जहां वे भौतिक (पेमेंट कार्ड) हैं, उन्हें कार्ड नेटवर्क पर स्वीकार्य होना चाहिए। हालांकि, कुछ मामलों में इंटरऑपरेबिलिटी लागू नहीं होगी।