मृतक बच्चोंके परिजनों को पांच-पांच लाख, घटना पर राष्टï्रपति, उपराष्टï्रपति, प्रधान मंत्रीने जताया दु:ख
मुंबई (आससे)। महाराष्ट्र के भंडारा में शनिवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां के जिला अस्पताल में देर रात दो बजे आग लग गयी। इसमें 10 नवजातों की मौत हो गयी। इनकी उम्र एक दिन से लेकर 3 महीने तक है। आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बतायी जा रही है। वार्ड में 17 बच्चे थे। 7 को बचा लिया गया। घटना के बाद कलेक्टर संदीप कदम, एसपी वसंत जाधव, एएसपी अनिकेत भारती, सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद खंडाते और डिप्टी डायरेक्टर (हेल्थ) संजय जायसवाल मौके पर पहुंचे। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख भी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकार ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। लापरवाही के लिए जिम्मेदार पाये जाने वालों को सख्त सजा होगी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, कलेक्टर और एसपी से बात की। वहीं, डिप्टी सीएम अजित पवार ने अर्जेंट बेसिस पर सभी अस्पतालों का ऑडिट करने का आदेश दिया है। सिविल सर्जन प्रमोद खंडाते ने बताया कि आग सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसी) में तड़के 2 बजे लगी। यूनिट से सात बच्चों को बचा लिया गया है। वहीं, दस बच्चों की मौत हो गयी। जिन मांओं का बच्चा चला गया, उनके पास व्यथा बताने के लिए शब्द नहीं बचे। कोई उन्हें दिलासा दे भी तो कैसे। पूरे अस्पताल को पुलिस ने बंद करवा दिया है। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। दम घुटने से मरने वाले बच्चों का पोस्टमॉर्टम नहीं किया जायेगा। घटना के पीछे की वजह का पता लगाकर दोषियों के खिलाफ कड़ी काररवाई करेंगे। उन्होंने मारे गये बच्चों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की मदद का ऐलान किया है। घटना के बाद लोगों ने आरोप लगाया कि इसके लिए हॉस्पिटल मैनेजमेंट जिम्मेदार है। जानकारी के मुताबिक, इस वॉर्ड में करीब 17 बच्चे थे। यहां नाजुक हालत वाले बच्चों को रखा जाता है। सबसे पहले एक नर्स ने वॉर्ड से धुआं निकलते देखा। उन्होंने तुरंत अस्पताल के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद स्टाफ ने आग बुझाने की कोशिश की। फायर ब्रिगेड को भी जानकारी दी गई। दमकल के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।