पटना

मुजफ्फरपुर: बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो रही टीका वाली नाव 


14 पंचायतों में पहुंचा रही टीका, अब तक दो हजार लोगों को लगा चुकी है टीका

मुजफ्फरपुर। इस बाढ़ में अगर हमारा परिवार टीकाकृत हो पाया है तो वह टीका वाली नाव से ही संभव हो पाया है। ये बातें कटरा प्रखंड के चंदौली की सुलेखा कह रही हैं। वहीं कुछ ऐसी ही बातें नवादा गांव के मंतोष भी कहते हैं। उनके अनुसार टीकाकरण तो दूर बाढ़ के समय में घर की जरूरत का सामान भी कठिनाई से मिलता है। ऐसे में टीका वाली नाव जैसा प्रयास कटरा में सफल रहा है। यह नाव जहां भी जाती है लोगों की भीड़ टीकाकरण के लिए उमड़ पड़ती है।

मालूम हो कि जिलाधिकारी के प्रयास से कटरा जैसे सुदूरवर्ती क्षेत्र में बाढ़ग्रस्त इलाकों  के बीच टीकाकरण के उद्येश्य से टीका वाली नाव की परिकल्पना किया गया था। जो भ्रम और नदी की तेज धारों के बीच भी टीकाकरण की पतवार संभाले है। इस नाव से कुल 14 पंचायतों के बीच जाकर टीकाकरण करना है।

दो हजार का हुआ है टीकाकरण

टीकाकरण वाली नाव ने अभी तक बाढ़ग्रस्त इलाकों  में कुल दो हजार लोगों का टीकाकरण किया गया है। इस नाव से गोड़धोवा घाट, परैठा, बंसघट्टा जैसे बाढ़ग्रस्त गांवों में टीकाकरण संभव हो पाया है। नाव पर दो एएनएम, दो नाविक, वेरिफायर रहते हैं। केयर के ब्लॉक मैनेजर देवानंद ने बताया कि कटरा में टीका वाली नाव की शुरुआत अच्छी रही है। अभी एक बार इसकी महत्ता फिर बढ़ेगी जब आने वाले कुछ दिनों में पानी का स्तर फिर से बढ़ने लगेगा। टीका वाली नाव को दशहरे तक चलाने की विभाग की योजना है।

लोगों के बीच बना कौतूहल

टीका वाली नाव लोगों के बीच कौतूहल का भी विषय रही। जिस गांव में यह नदी किनारे लगती तो इसे देखने और टीका लगवाने वालों की भीड़ जमा हो जाती है। हांलाकि टीकाकरण के दौरान भी कोविड के मानकों का पालन किया गया। टीकाकरण के लिए कुल दो नावों को जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को दिया था।

इन मानकों का करें पालन और कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर: मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें, बारी आने पर निश्चित रूप से वैक्सीनेशन कराएं और दूसरों को भी प्रेरित, लक्षण महसूस होने पर कोविड-19 जाँच कराएं, अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलें और गाइडलाइन का पालन करें, बाजारों में खरीददारी के दौरान आवश्यक दूरी का ख्याल रखें।