पटना

मोतिहारी: किसान पुत्र की सोच ने भरी उड़ान


      • मेडिकल की पढाई के साथ गजब का सेवा-भाव
      • कोरोना की जंग में दे रहा योगदान

मोतिहारी (आससे)। मानवीय मूल्यों के अहसास एवं सेवा भाव की कोई उम्र नही होती। यह तो संस्कार से मिलता है। इसे चरितार्थ किया है संग्रामपुर थाना क्षेत्र के मधुबनी दुबे टोला निवासी किसान मुन्ना दुबे के एकलौते पुत्र अभिनन्दन कुमार ने। अपने गाँव से सैकड़ों किलोमीटर दूर कर्नाटक में मेडिकल की पढाई कर रहा अभिनन्दन ने कोरोना काल में गांव वालों की जमकर मदद की है। टेली मेडिसिन के माध्यम से भावी चिकित्सक ने लोगों का सफल इलाज किया है।

बताया कि कोरोना का सेकेण्ड वेब इतना खतरनाक था कि इसके चपेट में फैमिली के एक मेंबर आते थे तो उसके कारण पूरा फैमिली इसकी चपेट में आ जाती थी। जिसका कारण होता था कि हॉस्पिटल में बेड की संख्या कम पड़ने लगी स्थिति यकोरोना की चपेट में मेरे रिलेटिव मेरे बहुत सारे मित्र और मित्र की फैमिली  और मेरे जानने वाले लोग कोरोनावायरस से संक्रमित हुए। कोई समस्या आती थी तो मैं अपने कॉलेज के प्रोफेसर का  भी मदद लेता था।

कोरोना वैक्सीन से लेकर के बहुत सारे लोगों का सवाल आता था कि क्या यह सुरक्षित है क्या या लेने पर कोई साइड इफेक्ट तो नहीं आएगा कुछ लोगों का सवाल रहता था कि क्या मैं डायबिटीज के पेशेंट हूं मैं हाइपरटेंशन का पेशेंट हूं मैं ब्रेस्टफीडिंग फीमेल हूं मैं तो क्या मेरे लिए यह वैक्सीन लेना सुरक्षित रहेगा तो मैं उन लोगों पर उत्तर देता था कि हां वैक्सीन लेना सुरक्षित है वैक्सीन का  क्या कोई साइड इफेक्ट  है। तो, मैं अपना उन्हें उदाहरण देता था कि मैंने अपना वैक्सीन का दोनों डोज ले रखा है मुझे कुछ प्रॉब्लम नहीं हुई है तो आपका भी बारी आने पर आप भी अपना वैक्सीन लें।

कोरोना के अलावा और भी दूसरी तरह के बीमारी जैसे कि टाइफाइड, हर्पिस फैरिंजाइटिस, पेप्टिक अल्सर, स्किन प्रॉब्लम इत्यादि बीमारियों का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे कि व्हाट्सएप, मैसेंजर, फेसबुक, इंस्टाग्राम के माध्यम से मैं लोगों का मदद कर रहा हूं। इसने अपने कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना और सेंटर पर सब्सटेंस एब्यूज के सदस्य हूँ इसके  अंतर्गत मैं लोगों के बीच स्वास्थ्य संबंधित जागरूकता को प्रमोट करते करते रहता हूं जैसे कि पिछले दिनों वर्ल्ड नो टोबैको डे के अवसर पर मैं लोगों को वीडियो के माध्यम से गुटका और धुम्रपान का क्या दुष्परिणाम   और नुकसान हमारे शरीर पर पड़ता है।  वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे पर प्लांटेशन जैसे कार्यों को प्रमोट और  प्लांटेशन का महत्व से संबंधित बातो को मैने लोगो को बताया।

समय-समय पर मैं जागरूकता अभियान को अपने स्तर से समाज, सोसाइटी के बीच प्रमोट  करने का काम करते रहता  हूं। इसकी इकलौती बहन प्रिय भी गाँव में रहकर ही पीजी की पढाई कर रही है। पूछने पर बताया कि भाई की तरह मै भी अपने नाम के आगे डॉ. लिखना पसंद करुँगी। इसके लिए मै रिसर्च की पढाई करूंगी। धन्य है किसान मुन्ना दूबे एवं उनकी धर्म पत्नी चंदा मधुरानी जिसने दो-दो रत्नों को जन्म दिया है।