पटना

मोतिहारी: पर्यावरण से खिलवाड़ बंद हो वरना धरती पर रहना मुश्किल : राधा मोहन


मोतिहारी (आससे)। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर शनिवार को कृषि विज्ञान केन्द्र पीपरा कोठी द्वारा आयोजित एक वर्चुअल सम्मेलन को सांसद व पूर्व केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने संबोधित करते हुए  कहा कि भारतीय संस्कृति में पृथ्वी को अत्यंत पावन माना जाता है और इसकी आराधना मां के रूप में की जाती है। प्रात: उठते समय जब हम अपने पैरों से धरती को छूते हैं तो हम प्रार्थना करके धरती माता से क्षमा याचना करते हैं। सतत विकास के लिए भूमि की उर्वरता को बहाल करना आवश्यक है। मोदी सरकार ने इसके लिए कई योजनाएं चलायी हैं। जलवायु और पर्यावरण दरअसल जैव विविधता एवं भूमि दोनों को ही प्रभावित करते हैं। यह व्यापक रूप से स्वीकार किया जा रहा है कि दुनिया जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों का सामना कर रही है।

भूमि, जल, वायु, वृक्षों और सभी जीवित प्राणियों के बीच स्वस्थ संतुलन बनाए रखने संबंधी भारत की गहरी सांस्कृतिक जड़ों से पूरी दुनियां परिचित है। वर्ष 2015 के बाद भारत के समग्र वृक्ष एवं वन क्षेत्र में काफी वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना संक्रमितों को जरूरत पड़ने पर मेडीकल आक्सीजन देनी पड़ेगी, लेकिन महामारी के इस दौर में सांस की तकलीफ को देखते हुए अब हमें पर्यावरण के प्रति जागरूक होना ही पड़ेगा। इसकी शुरूआत अपने घर से करनी होगी। वृक्षारोपण अभियान तेज करना होगा। पीपल, बरगद, नीम, बेल, आंवला, इमली, अर्जुन, अशोक, नींबू एवं तुलसी प्राथमिकता के आधार पर घरों के आसपास लगाना चाहिए।

स्वच्छता ही सेवा अभियान के साथ ही कुछ परिवर्तन हमें अपनी आदतों में भी करने होंगे। प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करें, ये भी हमें सुनिश्चित करना होगा। सरकारी दफ्तरों में, सरकारी कार्यक्रमों में भी प्लास्टिक की बोतलों की बजाए मेटल या मिट्टी के बर्तनों की व्यवस्था  हो। जब पर्यावरण साफ रहता है। आस-पास गंदगी नहीं रहती तो इसका सीधा और सकारात्मक असर स्वास्थ्य  पर भी दिखाई देता है।

पर्यावरण और स्वास्थ्य से ही जुड़ा एक और विषय है जलसंकट और जलसंकट का उपाय है जल जीवन मिशन। इस मिशन के तहत जल संरक्षण और हर घर जल पहुंचाने पर बल दिया जा रहा है। वही मंत्री प्रमोद कुमार ने कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में  पर्यावरण दिवस के मौके पर कई वृक्षों का रोपण किया मौके पर वरीय वैज्ञानिक  अरविंद कुमार सिंह जिला महामंत्री डॉ लाल बाबू प्रसाद आईटी सेल अध्यक्ष पंकज श्रीवास्तव निर्देशक प्रसार कृषि विज्ञान केंद्र के पदाधिकारी जिला वन पदाधिकारी एवं कृषि उत्पाद संगठन के बहुत सारे किसान इत्यादि आदि उपस्थित थे।

वही महात्मा गाँधी स्मृती स्थल गजपूरा मिड्ल स्कूल के प्रांगण में पौधा रोपण करते हुए बिहार सरकार के गन्ना उद्योग सह विधि मंत्री ने कहा की विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की घोषणा संयुक्तराष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैशविक स्तर पर राजनीतिक एवं सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 में की थी।

इसे 05 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद शुरू किया गया है। 1973 में कुछ खास कॉरपोरेट के साथ केवल धरती विषय के साथ मनाया गया, इसके बाद 1974 से दुनिया के अलग-अलग शहरों में साथ जलवायु जमीन के साथ प्रारम्भ हुआ आज पुरे देश दुनिया में जो ऊर्जा की खपत होती है, जिसके कारण पर्यावरण दूषित हो रहा है, और जो प्राकृतिक वातावरण अनुसार मॉनसून आने का जो निर्धारित समय था इसमें भारी परिवर्तन के कारण ग्लेशियर पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

वहीं कोटवा प्रखंड क्षेत्र के अहिरौलिया गांव स्थित मंदिर परिसर में शनिवार को दर्जनों पौधे लगाए गए।लगातार बढ़ रही जनसंख्या के कारण पर्यावरण असंतुलन से हो रही परेशानी और मानव जीवन पर आये संकट के बीच गांव के युवा आगे आये।शनिवार को पर्यावरण दिवस पर युवाओं ने दर्जनों पेड़ लगाए। अहिरौलिया के युवाओं ने गांव को हरा भरा और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने को लेकर पौधारोपण करना शुरू कर दिया है।

युवाओं ने संकल्प लिया कि वे नियमित रूप से गांव सार्वजनिक और निजी भूमि में पेड़ पौधे लगाएंगे और दूसरे को भी प्रेरित करेंगे।गांव के लोगों ने युवाओं के इस प्रयास का स्वागत करते हुए इसकी सराहना की है। इस दौरान समाजसेवी सौरभ कुमार, शानू, अमन वाजपेयी , अमन कुमार, आशिष कु. सिंह, अमित सिंह, सतीश कुमार, अभिषेक, विशाल, ऋतुराज, मनीष, आशीष, मोहित अंशु, उन्नत, कुंदन, मिंटू गुप्ता आदि शामिल थे।