पटना

मोतिहारी: वैक्सीनेशन सेंटर की बड़ी लापरवाही, खिड़की से लगाया जा रहा टीका


मोतिहारी (आससे)। पताही प्रखंड में कोविड वैक्सीनेशन सेंटर पर लापरवाही का मामला सामने आया है। पताही प्रखंड के बीआरसी परिसर में बने वैक्सीनेशन सेंटर में वैक्सीन लेने के लिये लोगों ने सामाजिक दूरी और मुंह पर मास्क बिना लगाये खड़े थे। वहीं स्वास्थ्य कर्मियों ने वैक्सीन देने का एक नया फार्मूला ईजाद किया है। आपने पहले देखा होगा जब लोग फिल्म देखने जाते थे, तो सिनेमा हॉल के बाहर हम टिकट खिड़की से लेते थे, ठीक उसी तरह बीआरसी वैक्सीनेशन सेंटर पर टीकाकरण करने आए स्वास्थ्य कर्मी के द्वारा खिड़की से ही वैक्सीन देकर घर भेजा जा रहा। लग रहा मानो जैसे यह लोग वैक्सीन लेने नहीं फिल्म की टिकट खरीदने आए हो।

स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा इतनी बड़ी लापरवाही कैसे की जा सकती है जिस वैक्सीन को देने के लिए सरकार के द्वारा तरह-तरह के इंतजाम किए जा रहे हैं हर तरह की सुविधा प्रदान की जा रही ताकि किसी भी व्यक्ति को वैक्सीन लेने में किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी ना आए। मगर आज की तस्वीरें पताही प्रखंड के स्वास्थ्य कर्मियों के कार्य पर सवालिया निशान खड़ा करता है। जिस तरह से खिड़की के अंदर से स्वास्थ्य कर्मी के द्वारा खिड़की के बाहर खड़े लोगों को वैक्सीन दिया जा रहा है, वह किसी वैक्सीन लेने वाले व्यक्ति के लिए कितना खतरनाक हो सकता है, यह आप भी समझते होंगे।

वैक्सीन देने के बाद ना तो किसी को वेटिंग रूम में रोका जा रहा और ना ही वैक्सीन लेने वाले किसी भी व्यक्ति की सुध लिया जा रहा है कि वे वैक्सीन लेने के बाद कैसा महसूस कर रहे हैं। यह नजारा पताही प्रखंड के स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़ा करता है कि ऐसे स्वास्थ्य कर्मी को किसके द्वारा ट्रेनिंग दिया गया है कि किसी भी व्यक्ति को वैक्सीन खिड़की के अंदर से दे दिया जाए।

जब  स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा इतनी बड़ी लापरवाही आज अख़बार की टीम ने देखा तो प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक अनिल कुमार को फोन कर इस पूरी लापरवाही की सूचना दी गई। जिस पर उन्होंने वहां की भीड़ को आकर देखा और भीड़ कंट्रोल करने के लिए पताही थाना की सहायता मांगी। वहीं स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा खिड़की से वैक्सीन लगाए जाने पर इसकी जांच करने की बात कही है, लेकिन इस तरह से पताही प्रखंड के स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा कोविड का टीका लगाते समय इतनी बड़ी लापरवाही बिहार के स्वास्थ्य सिस्टम पर सवालिया निशान खड़ा करता है।