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योगी सरकार का 27 लाख कर्मचारियों-पेंशनरों को तोहफा, महंगाई भत्ते में इजाफा; जनवरी से म‍िलेगा लाभ


लखनऊ,  । पिछले कई महीनों से महंगाई भत्ता (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) बढऩे का इंतजार कर रहे 16 लाख राज्य कर्मचारियों और 11.5 लाख सिविल/पारिवारिक पेंशनरों का इंतजार खत्म हो गया है। राज्य कर्मचारियों को पहली जनवरी 2022 से तीन प्रतिशत की बढ़ी दर से डीए और पेंशनरों को डीआर देने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी दे दी है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलने के बाद वित्त विभाग राज्य कर्मचारियों को पहली जनवरी से 34 प्रतिशत की दर से डीए और पेंशनरों को इसी दर से डीआर देने का शासनादेश जल्द जारी करेगा। कर्मचारियों और पेंशनरों को अभी 31 प्रतिशत की दर से डीए व डीआर का भुगतान हो रहा था।

इन्हें मिलेगा लाभ : बढ़े डीए का लाभ राज्य कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण व प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, शहरी निकायों के नियमित व पूर्णकालिक कर्मचारियों, कार्य प्रभारित कर्मचारियों और यूजीसी वेतनमानों में कार्यरत पदधारकों को मिलेगा जिनकी कुल संख्या लगभग 16 लाख है।

 

जुलाई के बढ़े डीए की रकम जीपीएफ में : राज्य कर्मचारियों को अगस्त में जुलाई के वेतन के साथ 34 प्रतिशत की दर से डीए का नकद भुगतान किया जाएगा। पहली जनवरी से 30 जून तक बढ़े डीए की धनराशि कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते (जीपीएफ) में जमा होगी। एरियर की राशि कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में 31 जुलाई 2023 तक जमा रहेगी और उसे अंतिम निकासी के मामलों को छोड़कर इस तिथि से पहले नहीं निकाला जा सकेगा।

राष्ट्रीय पेंशन योजना के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को पहली जनवरी से 30 जून तक देय बढ़े डीए के एरियर की 10 प्रतिशत राशि उनके टियर-1 पेंशन खाते में जमा की जाएगी और 90 प्रतिशत धनराशि उन्हें राष्ट्रीय बचत पत्र के रूप में दी जाएगी। जिन अधिकारियों या कर्मचारियों की सेवाएं डीए बढऩे का शासनादेश जारी होने की तारीख से पहले खत्म हो गई हों या जो पहली जनवरी 2022 से लेकर शासनादेश जारी होने की तारीख तक सेवानिवृत्त हुए होंगे या छह महीने के अंदर रिटायर होने वाले होंगे, उनको डीए के बकाये की पूरी धनराशि का नकद भुगतान किया जाएगा।

सरकारी खजाने पर इतना बढ़ेगा बोझ : कर्मचारियों-पेंशनरों को तीन प्रतिशत की बढ़ी दर से डीए-डीआर का भुगतान करने पर बीती जनवरी से जुलाई तक सरकारी खजाने पर कुल 974 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। इसके बाद हर महीने 220 करोड़ रुपये व्ययभार आएगा।