पटना

योजनाओं को ससमय पूर्ण करें : नीतीश


मुख्यमंत्री ने किया 1,411 करोड़ की 169 भवनों का उद्घाटन एवं 725.22 करोड़ की लागत से 73 भवनों का शिलान्यास

(आज समाचार सेवा)

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को १ अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से १,४११ करोड़ रुपए लागत की २१ विभागों के १६९ भवनों का उद्घाटन तथा ७२५.२२ करोड़ रुपए लागत की १२ विभागों के ७३ भवनों का शिलान्यास किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में उपस्थित और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े सभी मंत्रीगण एवं अधिकारियों का मैं अभिनंदन करता हूं। भवन निर्माण विभाग को इस बात के लिए बधाई देता हूं कि उन्होंने विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास कार्यक्रम का आयोजन कराया है। कार्यक्रम की शुरुआत में इसके संबंध में विभाग द्वारा विस्तृत जानकारी भी दी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भवन निर्माण विभाग का बजट पहले नाम मात्र का था, अब बड़े पैमाने पर भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। हमलोगों का उद्देश्य सिर्फ भवनों का निर्माण कराना ही नहीं बल्कि उसका मेंटेनेंस करना भी है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी इस बात की है कि आज दिल्ली में जो बिहार सदन का उद्घाटन हुआ है इसके लिये हमने बहुत पहले से सोचा था। दिल्ली में पहले से दो भवन- बिहार भवन और बिहार निवास बनाए गए हैं। उन दोनों भवनों से जरूरत पूरी नहीं हो रही थी, क्योंकि बिहार से दिल्ली जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है, इसलिये तीसरे भवन बिहार सदन का निर्माण कराया गया।

उन्होंने कहा कि पहले से बने दो भवनों का विस्तार भी किया जायेगा। अब बिहार सदन का निर्माण होने से बिहार के लोगों को दिल्ली में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी, उन्हें काफी सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि बहुत अच्छे ढंग से इस भवन का निर्माण किया गया है। बिहार सदन १० मंजिला भवन है जिसमें ११८ कमरे हैं। मल्टीपर्पस हॉल, कैंटीन, कार पार्किंग की सुविधा है। सोलर पैनल भी लगाए गए हैं। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इसके कैंपस का विकास किया गया है। हमने ही इसका नामकरण बिहार सदन किया है।

दिल्ली में बिहार सदन के निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिये दिल्ली विकास प्राधिकरण के तत्कालीन उपाध्यक्ष श्री यू.पी. सिंह को भी विशेष तौर पर धन्यवाद देता हूं। बिहार सदन में सभी विभागों के कार्यालयों के लिये भी व्यवस्था की गयी है। इसके मेंटेनेंस का दायित्व भवन निर्माण विभाग का है। बिहार सदन पूरी तरह मेंटेन रहे इसके लिये जो भी आवश्यकता होगी उसे पूरा किया जायेगा।

सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार में सरकारी भवनों के हो रहे निर्माण कार्य में फ्लाई ऐस के ईंटों का उपयोग किया जा रहा है। आज जितने भवनों का उद्घाटन हुआ है उनमें फ्लाई ऐस ईंटों का इस्तेमाल किया गया है और शिलान्यास किये गये भवनों के निर्माण में भी फ्लाई ऐस ईंटों का ही उपयोग किया जायेगा। दिल्ली में बनाये गये बिहार सदन का निर्माण भी फ्लाई ऐस के ईंटों से किया गया है। जो पर्यावरण के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। मिट्टïी से बनने वाले ईंटों से पर्यावरण को काफी नुकसान होता है।

उन्होंने कहा कि बोधगया में स्टेट गेस्ट हाउस का निर्माण कराया जा रहा है। वहां महाबोधि सांस्कृतिक केन्द्र भी बनाया जा रहा है। उसका काम चल रहा है। यह सांस्कृतिक केन्द्र इतने अच्छे ढंग से बनाया जा रहा है कि देश में शायद ही इतना सुन्दर सांस्कृतिक केन्द्र कहीं और होगा। बोधगया ऐतिहासिक जगह है जहां दुनियाभर से लोग आते हैं। यहां बनने वाले गेस्ट हाउस पर १३६ करोड़ रुपये की लागत आयेगी। इसमें ५ स्टार होटल के तौर पर लोगों को सुविधा मिल सकेगी। वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय का भी निर्माण कराया जा रहा है। इससे बोधगया आने वाले लोग भी वहां भी पहुंचेंगे।

पटना में साइंस सिटी का भी निर्माण कराया जा रहा है। इस संबंध में पूर्व राष्ट्रपति स्व. अब्दुल कलाम जी से भी राय ली गयी थी। यह साइंस सिटी ६४० करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। पटना में ही बापू टावर का भी निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें बापू से जुड़ी हुई सभी जानकारियां होंगी इससे नई पीढ़ी के लोग बापू के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। पटना संग्रहालय का भी विस्तारीकरण कराया जा रहा है।

राजगीर में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण कराया जा रहा है। दरभंगा में तारामंडल का निर्माण कराया जा रहा है। वाणिकी महाविद्यालय का मुंगेर में निर्माण कराया जा रहा है। इन सभी के अलावे और कई भवनों का भी निर्माण कराया जा रहा है। प्रकाश पुंज का भी निर्माण कराया जा रहा है, जो सिख धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि पटना में अंजुमन इस्लामिया का भवन निर्माण कराया जा रहा है। उस स्थान का ऐतिहासिक महत्व है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है जो भी भवन बनाए गए हैं उनका बेहतर ढंग से मेंटेनेंस होगा। जिन योजनाओं का शिलान्यास किया गया है और जो निर्माणाधीन हैं उन सभी का ससमय निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा।

कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी ने भी संबोधित किया।

भवन निर्माण विभाग के सचिव श्री कुमार रवि ने भवन निर्माण विभाग एवं बिहार राज्य भवन निर्माण निगम द्वारा उद्घाटन एवं शिलान्यास की गई योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान नवनिर्मित बिहार सदन, नवनिर्मित जिला अतिथि गृह-एनेक्सी गृह, नवनिर्मित जिम्नेजियम शास्त्रीनगर, नवनिर्मित आई.टी.आई., मसौढ़ी पर आधारित वीडियो फिल्म भी दिखायी गयी।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री श्रमती रेणु देवी, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी, कृषि मंत्री श्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, उद्योग मंत्री श्री शाहनवाज हुसैन, सूचना एवं जन-संपर्क मंत्री श्री संजय कुमार झा, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, समाज कल्याण मंत्री श्री मदन सहनी, सहकारिता मंत्री श्री सुबाष सिंह, पर्यटन मंत्री श्री नारायण प्रसाद, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री श्री मुकेश सहनी, श्रम संसाधन मंत्री श्री जिवेश कुमार, कला-संस्कृति एवं युवा मंत्री श्री आलोक रंजन, विज्ञान एवं प्रौवैधिकी मंत्री श्री सुमित सिंह, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील कुमार सिंह, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री जमां खान, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री व्यास जी, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, भवन निर्माण विभाग के सचिव श्री कुमार रवि, संबद्घ विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, दिल्ली की स्थानिक आयुक्त पलका साहनी सहित भवन निर्माण विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारीगण, अभियंतागण जुड़े हुए थे।