पटना

रहुई में बाबूलाल प्रमुख, राकेश रंजन उपप्रमुख जबकि बिहारशरीफ में सुलेखा प्रमुख, इंदुबाला उपप्रमुख चुनी गयी


शह और मात के खेल में नई पंचायती राज व्यवस्था बनने के बाद पहली बार मुंह के भारे गिरे रहुई के एक जदयू नेता

बिहारशरीफ। बिहारशरीफ अनुमंडल के रहुई और बिहारशरीफ पंचायत समिति का गठन का प्रक्रिया सोमवार को संपन्न हो गया। पूर्वाह्न से शुरू हुआ यह चुनाव प्रक्रिया देर शाम तक चली जिसमें बाबूलाल राम रहुई के प्रमुख और राकेश रंजन उपप्रमुख चुने गये। इसी प्रकार बिहारशरीफ पंचायत समिति के लिए सुलेखा देवी प्रमुख और इंदुबाला उपप्रमुख चुनी गयी।

दोनों ही प्रखंडों में पंचायत समिति गठन के लिए जबरदस्त राजनीतिक धुर्वीकरण चल रहा था। रहुई और बिहारशरीफ प्रखंडों में पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव के साथ हीं सदस्यों को ग्रुप में अलग-अलग स्थान पर ले जाया गया था। रहुई प्रखंड में सदस्यों को अपने पक्ष में करने में दो ध्रुव पूरी ताकत लगा रखे थे लेकिन इस बार के चुनाव में नई पंचायत राज व्यवस्था बनने के बाद अपनी दबिस दिखाने वाले रहुई प्रखंड के जदयू के एक नेता की कुछ नहीं चली और इस चुनाव में उनके उम्मीदवारों की बुरी तरह पराजय हुई। वहीं दूसरे गुट का नेतृत्व जदयू के हीं एक पूर्व विधायक कर रहे थे। जिनके पक्ष के प्रमुख और उपप्रमुख चुने गये।

रहुई प्रखंड के लिए हुए चुनाव में बाबूलाल राम 12 वोट लाकर प्रमुख बने, जबकि प्रतिद्वंदी संगीता देवी 7 वोट लाकर चुनाव हार गयी। एक सदस्य अनुपस्थित रहे। इस पंचायत समिति में कुल 20 सदस्य है, जबकि उपप्रमुख के लिए 13 वोट लाकर राकेश रंजन उपप्रमुख बने, जबकि 6 वोट लाकर नुनुवती देवी चुनाव हार गयी।

इधर दूसरी ओर बिहारशरीफ प्रखंड पंचायत समिति गठन में भी काफी दिनों से खींचतान चल रहा था। इस प्रखंड में पंचायत समिति गठन के लिए सदस्यों के बीच काफी उतार-चढ़ाव रहा। कई सदस्यों ने कई बार पाला बदला और इस चुनाव में सुलेखा देवी 12 वोट लाकर प्रमुख चुनी गयी, प्रतिद्वंदी उम्मीदवार पूजा कुमारी को 11 वोट मिला, जबकि 3 वोट रद्द हुआ। इस पंचायत समिति में कुल 26 सदस्य है। जबकि उपप्रमुख पद के लिए हुए चुनाव में 16 वोट लाकर इंदुबाला उपप्रमुख चुनी गयी और 9 वोट लाकर पिंटू कुमार चुनाव हार गये।

सुबह से ही पंचायत समिति चुनाव को लेकर गहमागहमी का माहौल था। पहली बार यह चुनाव अनुमंडल मुख्यालय में हो रहा था। बिहारशरीफ के अनुमंडल पदाधिकारी कुमार अनुराग इसके निर्वाची पदाधिकारी थे, जबकि प्रेक्षक के रूप में उप विकास आयुक्त वैभव श्रीवास्तव  भी मौजूद थे।