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- छात्रों का आरोप दो सालों में एक भी दिन नहीं हुई पढ़ाई
- कॉलेज में नहीं हैं प्राचार्य और ना हीं प्राध्यापक या कर्मी
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राजगीर (नालंदा) (आससे)। राजकीय डिग्री कॉलेज राजगीर के छात्रें ने शुक्रवार को कॉलेज में तालाबंदी किया। छात्रें ने कहा कि अगर यही हाल रहा तो वे लोग पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के पास जाकर प्रदर्शन करेंगे। वे लगातार कई दिनों से नामांकन के लिए कॉलेज आर रहे हैं। यहां पर कोई यह भी बताने वाला नहीं है कि नामांकन कब से शुरू होगा।
पिछले साल तो कम से कम नामांकन के लिए पोर्टल बनाया गया था। इस बार तो विश्वविद्यालय के द्वारा कॉलेज का अब तक पोर्टल भी नहीं बनाया गया है। वहीं यहां के स्थायी प्राचार्य के महीना भर तक नहीं आने से काफी परेशानी हो रही है। मौजूदा समय में जो प्राचार्य हैं वे तीन कॉलेज के प्राचार्य हैं। ऐसे में वे पटना से यहां अपना समय नहीं दे पाते।
बिना कर्मी और प्रोफेसर के यह कॉलेज राम भरोसे चल रहा है। प्रभारी प्राचार्य जो बनाये जाते हैं उन्हें भी दूसरे कॉलेज से लाया गया है। वे इस कारण दूसरे कॉलेज के साथ यहां को भी देऽ रहे हैं। छात्र कन्हैया लाल यादव, गोपाल कुमार, राज शिव पटेल, सुमित कुमार पांडेय, सन्नी कुमार, आदर्श भारती, देव कुमार, विक्की कुमार, शंभु कुमार सहित अन्य ने बताया कि जब से वे नामांकन लिये हैं, कॉलेज में एक भी दिन पढ़ाई नहीं हुई।
छात्रों ने शिक्षा मंत्री से गुहार लगायी है कि इस कॉलेज की व्यवस्था सुधार की जाय। यहां पर एक स्थायी प्राचार्य भेजा जाय। वहीं कॉलेज में कर्मियों की बहाली के साथ प्रोफेसर की भी तैनाती की जाय। इन दिनों पार्ट-2 में नामांकन सभी कॉलेजों में चल रहा है। वहीं इस कॉलेज का कोई अता-पता नहीं है। छात्रों ने कहा कि वे लोग यहां पर नामांकन लेकर फंस गये। नालंदा शिक्षा के क्षेत्र में पूरी दुनिया में जाना जाता है। इसके बाद भी विश्वविद्यालय के प्रशासन द्वारा इसकी अनदेखी किया जा रहा है।
राजगीर डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर व कर्मी की कमी होने से पढ़ाई नहीं होती है। ऐसे में इसमें नामांकित बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। इनकी सुध लेने वाला भी कोई नहीं हैं। कॉलेज भी राजगीर से थोड़ी दूर बनाया गया है। वहां तक जाने में भी खासकर छात्राओं को परेशानी होती है।
प्राचार्य व कर्मी के नहीं होने से बख्तियारपुर, हरनौत, फतुहा, जहानाबाद, लखीसराय सहित अन्य जगहों से आ रहे छात्र नामांकन के लिए भटक रहे हैं। सही सूचना नहीं मिल पा रही है। छात्र कन्हैया लाल यादव ने कहा कि वे इसके लिए शिक्षा मंत्री से गुहार लगायेंगे। अगर इसके बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं की गयी तो वे विश्वविद्यालय के पास जाकर प्रदर्शन करेंगे।
प्रभारी प्राचार्य प्रभाष कुमार ने कहा कि अभी तक पोर्टल नहीं बनाया गया है। प्राचार्य ने कहा कि एक एजेंसी को इसे बनाने को दी गयी है। एक सप्ताह में नामांकन का काम शुरू कर दिया जायेगा। वे यहां पर रूटीन वर्क के रूप में काम करते हैं। नालंदा कॉलेज में वे फिलौसफी के एक मात्र प्रोफेसर हैं। राज्यपाल महोदय ने भी उनको वापस करने को विवि को कहा है। इसके बाद भी अब तक उन्हें वापस नालंदा कॉलेज नहीं भेजा जा रहा है। दोनों जगहों पर उन्हें देखना पड़ रहा है।
डिग्री कॉलेज राजगीर में जो कुछ कर्मी हैं भी उन्हें अतिरिक्त प्रभार मिला है। कुछ नालंदा कॉलेज से हैं तो कुछ किसान कॉलेज से। वहीं उन्हें दोनों जगहों पर अपनी डड्ढूटी बजानी पड़ती है। ऐसे में परेशानी है। यहां पर कोई स्थायी प्राचार्य का होना जरूरी है। मौजूदा समय के प्राचार्य पटना में रहते हैं। उन्हें पटना के दो कॉलेज सहित राजगीर का प्राचार्य बनाया गया है।
ऐसे में वे महीना भर पर आते हैं। काम सही से नहीं हो पाता है। कॉलेज के बारे में वे सोच नहीं बना पा रहे हैं। आक्रोशित छात्रों ने कहा कि अगर समय रहते विद्यालय कॉलेज को व्यवस्थित रूप से सुधारा नहीं गया तो सभी छात्र आंदोलन करने पर उतारू हो जाएंगे।