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राजनीतिक हंगामे की भेंट चढ़ सकता है मानसून सत्र, विपक्ष महंगाई पर आक्रामक तो सरकार भी जवाबी वार को तैयार


नई दिल्ली। मानसून सत्र के शुरू होने से पहले ही जिस तरह अलग अलग मुद्दों पर विपक्ष ने तेवर अपनाये थे उसने मानसून सत्र मे गतिरोध बरकरार रहने की आशंका बढ़ा दी थी। तीन दिनों के बाद आशंका गहराने लगी है। मानसून सत्र में लगातार तीसरे दिन संसद में महंगाई के खिलाफ सियासी उफान खड़ा करते हुए तत्काल बहस की मांग के बहाने दोनों सदनों की कार्यवाही नहीं चलने दी। वहीं सरकार ने भी विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि सदन में बहस की बजाय उसकी दिलचस्पी हंगामा खड़ा करने में है।

सरकार के इस रुख से साफ है कि संसद में जारी हंगामे के बावजूद महंगाई और जीएसटी के मुद्दे पर वह विपक्षी मांग के दबाव में नहीं आएगी। वहीं विपक्ष भी महंगाई के मुद्दे के जरिये सरकार की घेरेबंदी कर दबाव बनाने का यह मौका छोड़ना नहीं चाहता।

संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया

महंगाई पर सरकार को घेरने की अपनी रणनीति को जारी रखते हुए विपक्षी दलों ने दोनों सदनों में संग्राम करने से पहले संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। वहीं लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही महंगाई और जीएसटी की बढ़ी दरों को वापस लेने की मांग करते हुए तत्काल चर्चा की बात उठाई।

वेल में जाकर हंगामा करते कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सांसदों को स्पीकर ओम बिरला ने शून्य काल में अपनी बात उठाने के लिए कहते हुए सदन चलाने की कोशिश की। लेकिन विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी और शोरगुल तेज हो गया जिसको लेकर स्पीकर ने विपक्षी सांसदों को कड़ी नसीहत देते हुए कहा कि सदन बहस के लिए है न कि नारेबाजी के लिए।

संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी ने भी हंगामे पर आपत्ति करते हुए विपक्षी सदस्यों के वेल में आने पर सवाल उठाया और कहा कि वाकई इनकी दिलचस्पी बहस कराने में है या नहीं।

अधीर रंजन चौधरी की अगुआई में विपक्षी सदस्यों का हंगामा थमता न देख स्पीकर ने सदन को दो बजे तक स्थगित कर दिया। जब दो बजे सदन फिर शुरू हुआ तब भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा और कार्यवाही चार बजे तक स्थगित कर दी गई। शाम चार बजे भी विपक्ष के रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ और भारी हंगामे को देखते हुए लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

राज्यसभा में भी शोरगुल, नारेबाजी

राज्यसभा में भी सभापति वेंकैया नायडू ने सदन शुरू होते ही कहा कि महंगाई पर बहस के लिए उन्होंने अनुमति दे दी है और इसके लिए उचित समय तय किया जाएगा। लेकिन नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बेतहाशा महंगाई का जिक्र करते हुए दूध, दही, आटा जैसी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी बढ़ाए जाने को आम आदमी पर प्रहार बताया और कहा कि उनके कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस के तहत तत्काल इस पर बहस कराई जाए।

सभापति ने खड़गे समेत अन्य सभी विपक्षी सदस्यों के इस नोटिस को खारिज करने की घोषणा की तो वेल में जमे विपक्षी सांसदों ने अपना हंगामा तेज कर दिया। नायडू ने सदन चलाने की उनकी अपील का असर न होते देख सदन को दो बजे तक स्थगित कर दिया और जब दुबारा कार्यवाही शुरू हुई तब भी विपक्ष की नारेबाजी नहीं थमी।

विपक्ष महंगाई की चर्चा की मांग पर अड़ा रहा

उपसभापति हरिवंश ने एक विधेयक पर चर्चा कराने की कोशिश की मगर विपक्ष महंगाई की चर्चा की मांग पर अड़ा रहा। कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला मोबाइल से तस्वीर लेने लगे तो उपसभापति ने उन्हें ऐसा नहीं करने को लेकर आगाह किया। इस हंगामे के दौरान खड़े होकर विरोध दर्ज करा रहे खड़गे के हाथ में भी छाछ से भरा ग्लास दिखा और शोर-शराबे के बीच बिना कोई कामकाज किए सदन स्थगित हो गया।

इससे पूर्व सुबह सदन शुरू होने से पहले कांग्रेस के साथ कई अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन कर रसोई गैस की बढ़ी कीमतों के साथ जीएसटी में वृद्धि को वापस लेने की मांग की।