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राम मंदिर की सीढ़ियों व कपाट का निर्माण तेज, रामलला की मूर्ति स्थापना से पूर्व भक्‍तों में उत्‍साह


अयोध्या,  रामलला की मूर्ति स्थापना की तिथि निकट आने के साथ राम मंदिर निर्माण में उत्तरोत्तर प्रगति होती जा रही है। भूतल पर जिस गर्भगृह में रामलला की मूर्ति स्थापित होनी है, उसका ढांचा तो दो माह पूर्व ही निर्मित हो चुका है। इसके बाद से जहां प्रथम तल का निर्माण पूरी तीव्रता से हो रहा है, वहीं गर्भगृह सहित संपूर्ण भूतल को अंतिम स्पर्श दिए जाने का काम चल रहा है।

भूतल में प्रयुक्त 166 स्तंभों पर पौराणिक परंपरा की मूर्तियां उत्कीर्ण की जा रही हैं। विद्युतीकरण किया जा रहा है। फर्श पर संगमरमर स्थापित करने के साथ मंदिर में लगने वाले कपाट और सतह को भूतल से जोड़ने वाली 32 सीढ़ियों के निर्माण को भी अंतिम स्पर्श मिल रहा है। तीन तल के राम मंदिर में 46 कपाट लगने हैं।

अकेले भूतल पर 18 कपाट लगेंगे। मंदिर निर्माण के अन्य आयामों की तरह कपाटों को भी श्रेष्ठतम रखने की भावना से इनके लिए विशेष श्रेणी की लकड़ी महाराष्ट्र के चंद्रनगर स्थित जंगल से मंगाई गई है। इस प्रयास की पुष्टि शुक्रवार को मंदिर निर्माण से जुडे तीन चित्रों से हुई, जिन्हें रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने प्रसारित किया। पहले चित्र में गर्भगृह का मुख्य कपाट दृष्टिगत हो रहा है।

यद्यपि इसे परीक्षण के लिए लगाया गया है और अगले कुछ दिनों में इसे स्थायी तौर पर लगाया जाएगा। इस कपाट पर सृजन का पर्याय कमल, वैभव का पर्याय गज, स्वागत मुद्रा में महिला का चित्र अंकित है। यह कपाट करीब 10 फीट चौड़ा और 15 फीट ऊंचा है।

दूसरा चित्र राम मंदिर के सिंह द्वार का है। इसमें प्रवेश मार्ग की सीढ़ियां संगमरमर से आच्छादित दिखायी पड़ रही हैं। एक अन्य चित्र में कारीगर राम मंदिर के मुख्य कपाट को संयोजित करने का प्रयास करते दृष्टिगत हो रहे हैं। रामलला की स्थापना 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में प्रस्तावित है।