पटना

राहत शिविरों में न हो किसी को कठिनाई : नीतीश


मुख्यमंत्री ने लिया बाढ़ प्रभावित समस्तीपुर का जायजा

(आज समाचार सेवा)

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बाढ़ राहत शिविरों में रहने वालों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होना चाहिए। इसका विशेष रुप से ख्याल रखा जाना चाहिए। राहत शिविर में रहने वालों का कोरोना टेस्ट करायें और जररूत के अनुसार वैक्सीनेशन करायें। शहरी क्षेत्र में जलजमाव की समस्या का समाधान जल्द करें। नगर निकाय देखें कि शहरी क्षेत्र में जलजमाव न हो। वर्ष २०१९ में पटना में काफी जलजमाव हुआ था, उसके बाद हमने कर हर शहरी क्षेत्र के लिए नियम बनाया था और उसके लिए जो भी राशि की जरूरत होती है उसे उपलब्ध कराया जाता है। मुख्यमंत्री शनिवार को समस्तीपुर के मोहद्दीनगर व शहरी क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेकर लौटने के बाद पटना में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंन कहा कि हमने समस्तीपुर के मोहद्दीनगर प्रखंड स्थित टाउन हाल बलुआही और जेटीएस कॉलेज में बने बाढ़ राहत शिविरों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में उन्होंने पशु राहत शिविर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, कोविड टीकाकरण केंद्र महिलाओं के आश्रय स्थल, रसोई घर, भोजन मेनू, सफाई समिति, भोजनालय समिति आदि की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने राहत शिविरों में आवासित लोगासें से बातचीत की और उनकी समस्याओं से अवगत हुए। मुख्यमंत्री ने गर्भवती महिलाओं के आश्रय स्थल में श्रीमती रिता देवी को बाढ़ राहत शिविर में पुत्र पैदा होने पर राज्य सरकार की तरफ से आर्थिक मदद स्वरूप १० हजार रुपये का चेक प्रदान किया।

पशु राहत शिविर के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुओं के चारे एवं विशेष रुप से उनके स्वास्थ्य की देखभाल करने की जरूरत है। इसके साथ ही यहां रह रहे पशुपालकों के भोजन, आवासन, स्वास्थ्य की भी देखभाल की हरसंभव व्यवस्था करें। साथ ही परिसर की साफ-सफाई का पुखता प्रबंध होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुसरे जिलों के सर्वेक्षण के क्रम में हमें अहसास हुआ कि समस्तीपुर के भी कई इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं तो हमने तय किया कि वहां जाकर स्थिति का जायजा लेंगे। आज हमलोग यहां की स्थिति को देखने आये हैं। बाढ़ प्रभावित सभी लोगों राहत के लिए कार्य किये जा रहे हैं। लोगों के रहने और भोजन के इंतजाम किये गये हैं। इसके साथ ही प्रभावित परिवरों को सहायता राशि देने का भी कार्य किया जा रहा है। मनुष्य के साथ ही पशुओं के लिए भी इंतजाम किये गये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हवाई सर्वेक्षण के अलावा हम लोग प्रभावित इलाकों में जाकर वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ले रहे हैं। राहत शिविरों में रह रहे लोगों ने बातचीत के क्रम में कहा कि राहत शिविरों में अच्छी व्यवस्था की गयी है। हम वर्ष २००७ से ही कहते आ रहे हैं कि सरकार के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीडि़तों का है। उसी के अनुरूप बाढ़ से प्रभावित हुए सभी लोगों को राहत पहुंचाने का काम किया जा रहा है।

पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा कि कौन क्या कहता है उस पर हम ध्यान नहीं देते हमारा काम है एक-एक चीज को देखना और उसी काम में लगे रहते हैं। हमारी सरकार आने से पहले बाढ़ पीडितों को कोई मदद नहीं दी जाती थी। बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए हमलोगों ने वर्ष २००७ से ही आपदा प्रबंधनका काम शुरू किया है।

मुख्यमंत्री के साथ शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी पूर्व सांसद अश्वमेघ देवी, सांसद रामनाथ ठाकुर, विधायक राजेश कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, प्रमंडलीय आयुक्त दरभंगा डा मनीष कुमार, जिलाधिकारी शशांक शुभंकर एवं एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो सहित कई अन्य मौजूद थे।