पटना

मूल निवास वाले जिले से ही मिलेगा कोरोना मृतक के परिजनों को अनुदान


आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने की नयी गाइडलाइन जारी

पटना (आससे)। कोरोना से हुई मौत के बाद मिलने वाले अनुग्रह अनुदान में सरकार ने बदलाव किया है। इस बीमारी से किसी की मौत भले ही कहीं भी हो, लेकिन उनके परिजनों को अनुग्रह अनुदान उनके मूल निवास वाले जिलों से ही मिलेगा। अनुदान देने में आ रही परेशानियों को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने इस बाबत सभी जिलाधिकारियों को निर्देश भेज दिया है। पत्र आपदा के विशेष सचिव एम रामचन्द्रुडु की ओर से भेजा गया है।

विभाग ने कहा है कि कोरोना पीडि़तों का मूल निवास स्थान उपचार के क्रम में हटकर दूसरे जिलों में हो जा रहा है। वहीं दूसरे शहरों में रहने वाले लोग भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में मृतक के निकटतम परिजन मौत वाले जिलों में ही आवेदन दे रहे हैं। दस्तावेज सत्यापन के बाद जब चेक भुगतान की बारी आती है तो पता चलता है कि मृतक किसी और जिले का मूल निवासी है। ऐसे में फिर से पूरी प्रक्रिया करनी पड़ रही है। कई जिलों ने तो इस बाबत सार्वजनिक माध्यमों से सूचना देकर मृतक के निकटतम परिजनों को दावा करने की सूचना भी प्रकाशित की है। यह स्थिति दुबारा और किसी जिले में न हो, इसलिए आपदा प्रबंधन ने जिलों को निर्देश दिया है।

अनुग्रह अनुदान का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने पुराने आदेश का हवाला भी दिया है। पत्र में कहा गया है कि वर्ष 2008 में ही विभाग ने यह प्रावधान कर दिया है कि जिस जिले में घटना घटित हो, वहां के जिलाधिकारी से सभी वांछित प्रमाण पत्र, अभिलेख इत्यादि प्राप्त करते हुए नियमानुसार मृतक के परिजनों को अनुग्रह भुगतान किया जाए।

चूंकि गृह मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी को भी आपदा में अधिसूचित किया है। इसलिए पूर्व में आ रही इस व्यवस्था को कोरोना में भी लागू माना जाए। कोरोना से जिनकी मौत हुई है, उनके परिजन अपने मूल निवासी वाले जिलों में ही आवेदन करें ताकि उन्हें ससमय अनुग्रह अनुदान मिल सके।

जिलाधिकारियों को कहा गया है कि वे भी प्रशासन के स्तर पर इस बाबत आवश्यक कदम उठायें। अनुग्रह अनुदान भुगतान में आवश्यक काररवाई करने के साथ ही जिलों को यह भी कहा गया है कि मृतकों के लिए राशि आवंटित की जाए और अगर राशि अनुपलब्ध हो तो उसकी अधियाचना की जाए ताकि विभाग से राशि भेजी जा सके।

गौरतलब है कि कोरोना से हुई मौत के बाद अनुदान का मामला सरकार के पास हर रोज पहुंच रहा है। अद्यतन रिपोर्ट के अनुसार अब तक सरकार के यहां 11 हजार 919 आवेदन अनुदान के लिए आ चुके हैं। इनमें से 9723 आवेदकों का अनुदान भुगतान किया जा चुका है। 1627 आवेदकों के अनुदान भुगतान की प्रक्रिया लंबित है। पुख्ता दस्तावेज नहीं होने के कारण 569 आवेदकों का आवेदन खारिज किया जा चुका है।