रूपौली (पूर्णिया)(आससे)। जिलाधिकारी पूर्णिया के विशेष आदेश के आलोक में जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी, मुनाफाखोरी और जमाखोरी पर विराम को लेकर अनुमंडल क्षेत्र के दवा दुकानों में उड़नदस्ता टीमों के द्वारा छापेमारी की गई। जिसमें अनियमितता ही अनियमितता सामने आई। छापेमारी दल का नेतृत्व प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी अपर अनुमंडलाधिकारी धमदाहा डॉ. संजीव कुमार सज्जन ने किया। जबकि साथ में पुलिस अवर निरीक्षक मुकेश कुमार मिश्रा और औषधि निरीक्षक सरोज कुमारी शामिल थी।
छापेमारी दल ने मीरगंज चौक पर स्थित अर्श मेडिकल का कैश मेमो 22 मार्च 2021 के बाद अद्यतन नहीं पाया। जिससे स्पष्ट होता है कि कोविड-19 के दूसरे दौड़ आने के पश्चात दवाई दुकानदार द्वारा बिना केश मेमो का ही सिर्फ दवाई बेचने का काम किया गया है। वहीं दण्डाधिकारी द्वारा राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा निर्धारित 17 प्रकार के जीवन रक्षक दवाओं की खरीद के संबंध में बिल प्रपत्र की मांग की गई तो अनुउपलब्ध पाया गया।
वही स्थिति देवा मेडिकल एंड सर्जिकल एजेंसी में भी पाया गया।जबकि देवा मेडिकल एजेंसी में जीवन रक्षक दवाओं की व्यापक कमी पाई गई। जीवन रक्षक दवाओं के खरीदी तथा बिक्री के संबंध में अभिलेख भी उपलब्ध नहीं पाया गया। औषधि निरीक्षक तथा ए एस डी ओ द्वारा स्वयं जीवन रक्षक दवाओं के बैच नंबर से बिल का मिलान भी किया गया जिसमें अनियमितता पाई गई।
दण्डाधिकारी सह् अपर अनुमंडलाधिकारी ने उपलब्ध अभिलेख जप्त कर संबंधित प्रोपराइटर को 3 दिनों के भीतर औषधि निरीक्षक के समक्ष छूटे हुए अभिलेख के साथ स्पष्टीकरण के प्रत्युत्तर के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया। जांच के दौरान भंडार पंजी,रोकड़ पंजी तथा बिल पंजी अद्यतन नहीं पाए जाने पर नाराजगी जताई। ए एस डी ओ ने जीवन रक्षक औषधियों की विवेचित मात्रा नहीं पाए जाने पर दवाई दुकानदारों को जमकर फटकार लगाई। कुछ विशेष प्रकार के जीवन रक्षक दवाओं की सभी मेडिकल दुकानों में अनुपलब्धता के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इस संबंध में औषधि निरीक्षक को जिले में स्थित स्टॉकिस्ट से बातचीत करके अनुमंडल में उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने सभी दवा के थोक और खुदरा विक्रेताओं को चेतावनी दिया कि बिना कैश मेमो के किसी प्रकार का दवाई नहीं बेचे। अन्यथा पकड़े जाने पर दुकान सील करने के अलावा गिरफ्तारी भी की जाएगी। उन्होंने सलाह दिया कि वे किसी प्रकार के कालाबाजारी में अथवा प्रिंट रेट से अधिक मूल्य पर बेचने में संलिप्त ना हो अन्यथा उनके विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 एवं बिहार महामारी रोग कोविड-19 रेगुलेशन में निहित प्रावधानों के तहत निरोधात्मक कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने बताया कि जमाखोरी, कालाबाजारी एवं मुनाफाखोरी रोकने के उद्देश्य से पूरे अनुमंडल क्षेत्र में लगातार छापेमारी अभियान चलाई जा रही है। जिसका जिला पदाधिकारी द्वारा नित्य अनुश्रवण किया जा रहा है।