रूपौली (पूर्णिया)(आससे)। जिला पदाधिकारी पूर्णिया के आदेश के आलोक में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा संचालित योजना हर घर नल जल के तहत मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना अंतर्गत बरहरा कोठी प्रखंड के लतराहा पंचायत के वार्ड संख्या 8,9,11,12 एवं 13 की जांच अपर अनुमंडल पदाधिकारी धमदाहा डॉ. संजीव कुमार सज्जन द्वारा की गई। जबकि तकनीकी सहयोग के लिए उनके साथ निशांत कुमार कनीय अभियंता, मनरेगा बी कोठी भी संबद्ध थे।
पांच वार्डों के निरीक्षण से स्पष्ट हुआ कि किसी भी जल मीनार में भूमिगत जल को शुद्ध करने एवम डिसिनफेक्शन हेतु लगाए जाने वाले क्लोरीनेटर नहीं लगाया गया था। इस प्रकार योजना के तहत अशुद्ध पानी चालू करके दिखाया जा रहा है। इस योजना के तहत बिछाई जाने वाले पाइप की गहराई भी 3 फीट रखी गई है, किन्तु निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि एक या डेढ़ फीट की गहराई पर ही पाइप लगाया गया है। बोरवेल की जल की गुणवत्ता की जांच भी नहीं हुई है। संवेदक के प्रतिनिधि ट्रीटमेंट यूनिट की टेक्नोलॉजी सीएसआईआर से अनुमोदित है या नहीं इस संबंध में कोई भी कागजात नहीं दिखा गया। ट्रीटमेंट यूनिट में वैसल का आकार एवं मीडिया की मात्रा अनुमोदित नक्शा एवं डिजाइन के अनुसार है या नहीं,इस संबंध में भी कोई कागजात उपलब्ध नहीं पाया गया।
निरीक्षण के क्रम में यह तथ्य सामने आया कि इन वार्डों में योजना चालू ही नहीं हुई है जबकि संबंधित संवेदक द्वारा विभाग को सूचित किया गया है कि योजना चालू हो चुकी है। काम भी अधूरा है तथा कई ग्रामीणों को पानी का कनेक्शन प्राप्त नहीं हुआ है। ग्रामीणों द्वारा कई प्रकार की अनियमितताएं की शिकायत की गई जैसे पानी कनेक्शन देने के एवज में पैसे की वसूली, पानी का कनेक्शन देने में भेदभाव करना,पानी की आपूर्ति लगातार नहीं होना आदि। ग्रामीणों से संवाद स्थापित करने पर यह भी प्रकाश में आया कि किसी भी वार्ड में एक दिन भी पानी नहीं पहुंचा है और आज ही जांच टीम के संभावित दौरे को देखते हुए पानी चलाया गया है।
वार्ड संख्या 8 में जल मीनार के सटे एवं 50 मीटर के दायरे में भी जल का कनेक्शन ग्रामीणों को नहीं दिया गया है। जबकि वार्ड संख्या 11 के मतराजा टोला में किसी भी व्यक्ति को जल का कनेक्शन प्राप्त नहीं हुआ है। लतराहा के सरस्वती देवी, सुभाष मंडल,गुलशन कुमार मंडल आदि ने आदि ने शिकायत किया कि पेटी कांट्रेक्टर से बार-बार मनुहार के बाद भी उन्हें जल का कनेक्शन नहीं दिया गया।
जिन्हें जल का कनेक्शन दिया भी गया है, उनके नल में टेप नहीं लगाया गया है जिसके कारण टेस्टिंग के तौर पर भी पंप हाउस को चलाने पर पानी की बर्बादी होती रहती है। संवेदक के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि नल की टोटी बराबर चोरी हो जाती है जिसके कारण पानी की बर्बादी होती है। कहीं ग्रामीणों द्वारा लीकेज तथा दूरतम बिंदु पर न्यूनतम दबाव के साथ पानी आने या कई बार पानी नहीं आने की भी शिकायत की गई।
पंप हाउस में पंप चलाने से संबंधित रजिस्टर यथा पानी कनेक्शन के लाभार्थियों से संबंधित रजिस्टर, शिकायत पुस्तिका, समय सारणी आदि कोई भी अभिलेख नहीं पाया गया। जल मीनार के आंतरिक भाग की साफ-सफाई की जिम्मेदारी भी किसी को नहीं दी गई है, जिसके कारण अव्यवस्था फैली हुई है। एक जल मीनार में कितने लाभुकों को कनेक्शन दिया गया है इस संबंध में कोई भी अभिलेख संवेदक के प्रतिनिधि के पास उपलब्ध नहीं था।
वार्ड नंबर 9 एवं 11 में ग्रामीणों द्वारा या शिकायत की गई थी आरसीसी सड़क तोड़कर पाइप बिछाने हेतु संवेदक के आदमी आए थे परंतु पाइप लगाने के बाद सड़क मरम्मत का वादा नहीं कर रहे थे, इसीलिए उन लोगों ने काम होने नहीं दिया था। इस संबंध में जब कंपनी के प्रतिनिधि से पूछा गया तो वे बंगले झांकने लगे।
अनहोनी को आमंत्रित करती जल मीनार के बगल का अंदर ग्राउंड वाटर टैंक
निरीक्षण के क्रम में अंडर ग्राउंड वाटर टैंक खुली अवस्था में देखकर एएसडीओ हैरान हो गए। उन्होंने पेटी कॉन्टैक्टर के प्रतिनिधि से जानना चाहा कि आखिर क्यों वाटर टैंक पर ढक्कन नहीं लगाया गया है जबकि इसमें पानी भरने से किसी बच्चे के भूलवश जाने एवं डूबने की आशंका बनी हुई है। संवेदक के प्रतिनिधि द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा सका। अपर एसडीओ ने 1 सप्ताह के अंदर सभी खुले हुए टैंक पर आरसीसी वाला ढक्कन लगाने का निर्देश दिया अन्यथा किसी अनहोनी की स्थिति में संवेदक सहित सभी जिम्मेदार व्यक्तियों पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
अपर एसडीओ ने हमिंग वर्ड इंफ्राटेक प्राईवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि को फटकार लगाते हुए एक सप्ताह के अंदर सभी ग्रामीणों को पानी का कनेक्शन देने तथा अन्य आवश्यक सुविधा बहाल करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी बताया कि अगर एक सप्ताह के अंदर समुचित रूप से यह योजना चालू नहीं होती है तो वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। यह तथ्य भी सामने आया कि पंचायत स्तर पर किसी मजदूर को ही पेटी कांट्रेक्टर के रूप में जिम्मेदारी दी गई है तथा वह स्वयं भी अपने कर्तव्यों से अनभिज्ञ है।
अपर अनुमंडलाधिकारी डॉ. सज्जन ने बताया कि जांच के क्रम में काफी अनियमितताएं मिली है। जिसे जिला पदाधिकारी के संज्ञान के लिए लिख भेजा जाएगा।