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रेमडेसिविर की कमी पर केंद्र सख्त, जमाखोरी करने वालों कड़ी कार्रवाई के निर्देश


नई दिल्ली। रसायन और उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकारों से ‘वायरल’ रोधी दवा रेमडेसिविर इंजेक्शन की काला बाजारी या जमाखोरी करने में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा गया है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने कोविड-19 के उपचार में उपयोगी दवा की उपलब्धता को लेकर औषधि सचिव के साथ बैठक भी की है। गौड़ा ने ट्विटर पर लिखा है, ”रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता को लेकर औषधि सचिव के साथ समीक्षा बैठक की। सरकार इस संदर्भ में विनिर्माताओं के साथ लगातार संपर्क में है।” उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर दवा की काला बाजारी, जमाखोरी पर कड़ाई से नजर रखी जा रही है और राज्य सरकारों को इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के कहा गया है।

एक अन्य ट्वीट में मंत्री ने कहा, ”विनिर्माता रेमडेसिविर का उत्पादन बढ़ाने को सहमत हुए हैं। इसके उत्पादन के लिये अतिरिक्त संयंत्रों की मंजूरी दी गयी है। आने वाले सप्ताह में उत्पादन दोगुना होगा।” इससे पहले, रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख एल मंडाविया ने रविवार को ट्विटर पर लिखा था कि सरकार की कोराना संक्रमण के इलाज में उपयोग होने वाले रेमडेसिवीर इंजेक्शेन का उत्पादन अगले 15 दिनों में दोगुना कर करीब 3 लाख शीशी प्रतिदिन करने की योजना है। फिलहाल देश में 7 कंपनियों के पास कुल उत्पादन क्षमता करीब 39 लाख है। हाल ही में सरकार ने कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए रविवार को रेमडेसिविर इंजेक्शन और उसके रसायन एपीआई) के निर्यात पर स्थिति सुधरने तक रोक लगा दी है।

जायडस कैडिला के प्रवक्ता ने कहा, ”कोविड-19 संक्रमण के मामले हाल में बढ़ने से रेमडेसिविर की मांग बढ़ी है। हम फिलहाल तीन-चार संयंत्रों में इसका उत्पादन कर रहे हैं। मांग को पूरा करने के लिये हमने उत्पादन को 5-6 लाख यूनिट से बढ़ाकर 10-12 लाख यूनिट महीना कर दिया है। हम अब इसे बढ़ाकर 20 लाख यूनिट प्रति महीना करेंगे।” कंपनी के अनुसार अगले कुछ सप्ताह में आपूर्ति की स्थिति बेहतर होगी। डा. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने भी कहा कि वह भारत में ज्यादा-से-ज्यादा मरीजों तक रेमडेसिविर पहुंचाने के लिये हर संभव प्रयास कर रही है। कंपनी ने एक बयान में कहा, ”हम उत्पादन बढ़ा रहे हैं। हम बाजार में तरल उत्पाद ला रहे हैं जिसे तेजी से बनाया और आपूर्ति की जा सकती है। हमने अधिकतम खुदरा मूल्य एमआरपी) में भी 50 प्रतिशत की कमी की है