पटना

रोसड़ा: विवाहिता की हत्या मामले में पांच को आजीवन कारावास


पांच-पांच हजार रुपये का अर्थ दंड

रोसड़ा (समस्तीपुर)(आससे)। हसनपुर थाना क्षेत्र के चंद्रपुर गांव में तकरीबन 17 वर्ष पूर्व हुई एक विवाहिता की हत्या मामले में सजा के बिन्दु पर फैसला सुनाते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम राजीव रंजन सहाय की कोर्ट ने दो महिला समेत दोषी करार दिए गये पांच अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

न्यायालय द्वारा मृतका के पति चन्द्रपुर निवासी स्व. बृजनंदन चौधरी के पुत्र संजीव चौधरी तथा उनके जेठ व देवर राजीव कुमार चौधरी व मुरारी कुमार चौधरी उर्फ चिरंजीवी, सास धर्मशीला देवी तथा ननद सीमा देवी को भादवि की धारा 302 / 34 में आजीवन कारावास तथा पांच-पांच हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई है। अर्थ दंड की राशि नहीं दिए जाने की स्थिति में छ:ह माह का अतिरिक्त साधारन कारावास की सजा भुगतना होगा। जबकि भादावि की धारा 304 बी / 34 के तहत सभी अभियुक्तों को सात वर्ष का सश्रम कारावास की सजा मुकर्रर की गयी है।

न्यायालय द्वारा सभी सजाएं साथ-साथ चलाने तथा जेल में बिताए गये अवधि का समांजस्य करने का आदेश पारित किया गया है। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक शिवशंकर यादव वबचाव पक्ष से वरीय अधिवक्ता उपेन्द्र ठाकुर ने बहस में हिस्सा लिया। घटना के संबध में मृतका किरण देवी के पिता बेगूसराय जिला के सिंहमा निवासी रामबाबू राय द्वारा इस मामले में हसनपुर थाना में कांड सं.- 144 / 2004दर्ज करायी गयी थी। जिसमें पुत्री को संतान नहीं होने तथा दहेज के लिए ससुराल वालों द्वारा जलाकर हत्या करने का आरोप लगाया गया था।

उन्होंने वर्ष 1997 में किरण की शादी चंद्रपुर के संजीव चौधरी के साथ होना बताया। पुत्री को संतान नहीं होने के कारण ससुराल वालों द्वारा प्रताडि़त करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आरोपियों द्वारा जीप खरीदने को लेकर दो लारव रुपए की मांग भी की जाती रही। और, प्रताडऩा के बीच जान मारने की भी धमकी दिए जाने का भी आरोप लगाया गया था। 4 अक्तूबर 2004 को चंद्रपुर के एक ग्रामीणों द्वारा फोन से जानकारी पर जब वे अपने पुत्री के घर पहुंचे तो घर में ताला लटका हुआ और सभी लोगों को फरार पाया।