पटना

शीतलहर से ठिठुरा बिहार, निजात के अभी नहीं आसार


(आज समाचार सेवा)

पटना। पिछले कई दिनों से चल रहा शीतलहर का दौर ने दिसंबर में अब का रिकार्ड तोड़ दिया है। ठंड का कहर सबसे ज्यादा गया, भागलपुर, पूर्णिया, औरंगाबाद, कैमूर, अरवल, जहानाबाद, बैशाली, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण, सुपौल मधेपुरा आदि जिलो में देखा जा रहा है। आलम यह है कि लोग बाग घरों में दुबके रहने को विवश है। गनीमत है कि पछूआ हवा चलने के कारण कोहरा का असर नहीं है, परंतु कनकनी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। ठंड से लोगों को बचाव के लिए आपदा प्रबंधन का अलर्ट तो जारी है, परंतु कहीं कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं देखी जा रही है।

मौसम विभाग के अनुसार गया का न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। वैसे पूरे बिहार का न्यूनतम तापमान पांच से छह डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मंगलवार को दोपहर १२ बजे के बाद धूप खिला-खिला नजर आया, परंतु शाम ढलते ही ठिठुरन बढ़ गयी। गांव-देहात में तो अपने इंतजाम से लोग अलाव जला रहे हैं, परंतु पटना की २० लाख से अधिक की आबादी के बीच मात्र एक दर्जन जगहों पर सरकार की ओर अलाव जल रहा है। विभाग ने गरीब और असहाय लोगों के बीच कंबल वितरण का निर्देश था, परंतु वह सिर्फ घोषणा  ही साबित हो रहा है। रिक्शा चालक, ठेला चालक व गरीबों के लिए रैन बसेरा  का इंतजाम करने को कहा गया था, वह भी नजर नहीं आ रहा है।

आइएमडी के पूर्वानुमान में बताया गया कि अगले तीन से चार दिनों तक शीतलहर से कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। राहत की बात यह है कि धरातल से कुछ ऊंचाई पर पूरवा हवा चल रही है जो निम्र दवाब के कारण साइक्लोन का रुप ले रहा है। अनुमान है कि अगले सप्ताह कहीं-कहीं पर हल्की बारिश हो सकती है। इसके बाद एक बार फिर शीतलहर का दौर शुरू हो जायेगा। आपदा प्रबंधन विभाग से लोगों से अपील की है कि शाम और सुबह के समय अकारण घर से नहीं निकलें। जहां तक संभव हो गर्म पानी ही पीयें।