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लखीमपुर हिंसा को लेकर महाराष्ट्र बंद, यूपी में प्रियंका तो गोवा में मौन वर्त पर बैठे चिदंबरम


  1. नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर विपक्ष राज्य और केंद्र सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। अशीष मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद भी मामले को तूल देने की लगातार कोशिश की जा रही है। कांग्रेस अब केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा को पद से हटाने की मांग पर अड़ गई है। इसको लेकर एक तरफ प्रियंका गांधी मौन व्रत पर हैं। वहीं, दूसरी तरफ महा विकास अघाड़ी (कांग्रेस-शिवसेना-NCP गठबंधन) ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसक घटना के विरोध में आज राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है। हिंसाक घटना में चार किसानों समेत आठ लोगों की जान गई थी।

महाराष्ट में बंद को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंताजाम किए गए हैं। मुंबई पुलिस के अनुसार, एसआरपीएफ की 3 कंपनियां, 500 होमगार्ड और स्थानीय शस्त्र इकाइयों के 700 जवानों तैनात किया गया है। बंद के कारण मुंबई में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि महा विकास अघाड़ी ने बंद का एलान किया है। हमारी मांग और आवाज पर जनता ने समर्थन दिया है। इससे पहले 6 अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक में महाराष्ट्र राज्य के कैबिनेट मंत्री ने किसानों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत पर शोक व्यक्त करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने एमवीए द्वारा घोषित महाराष्ट्र बंद का विरोध किया है।

गोवा में मौन वर्त पर बैठे चिदंबरम

लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ गोवा के आजाद मैदान में मौन व्रत पर बैठे हैं। गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को तत्काल बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आजाद मैदान में सुबह 11.30 बजे से मौन व्रत का आयोजन किया है। चिदंबरम के साथ एआइसीसी प्रभारी दिनेश गुंडू राव, जीपीसीसी अध्यक्ष श्री गिरीश चोडनकर, लोप नेता दिगंबर कामत, कार्यकारी अध्यक्ष एलेक्स सेक्विरा समेत कांग्रेस के अन्य नेता शामिल हैं।

कर्नाटक कांग्रेस का बेंगलुरु में मौन व्रत

कर्नाटक कांग्रेस लखीमपुर खीरी कांड के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद से अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग को लेकर मौन प्रदर्शन कर रही है। कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष शिवकुमार ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की घटना ‘किसानों पर क्रूर हत्या’ है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय राज्य मंत्री और इस कृत्य के लिए जिम्मेदार दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसलिए हम किसानों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। शिवकुमार के साथ कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, कर्नाटक कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौन व्रत में शामिल हुए हैं।