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लापता लोगों के बहने की आशंका, बचाव अभियान में अभी लगेगा इतना समय: NDRF डीजी


नई दिल्‍ली: उत्तराखंड चमोली में ग्लेशियर के टूटने से हुई भारी बाढ़ में 150 से ज्‍यादा लोग लापता है। हालांकि युद्धस्‍तर पर बचाव और राहत कार्य जारी है। आज सुबह तक पानी का बहाव काफी कम हुआ है, लेकिन कुछ जगहों पर झील जैसी स्थिति बनी हुई है। तपोवन प्रोजेक्ट के पास पानी और मलबा इकट्ठा है, लेकिन यहां से करीब 16 लोगों को निकाला गया है। मिली जानकारी के अनुसार, टनल में अभी भी 30 लोग फंसे हुए हैं।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एसएन प्रधान ने सोमवार को कहा कि इस बात की संभावना है कि बाढ़ के बाद लापता हुए लोग तपोवन क्षेत्र में बह गए। उन्होंने कहा कि लगभग 153 लोग लापता हैं, जबकि 11 शव बरामद कर लिए गए हैं। बचाव अभियान 2.5 किमी लंबी सुरंग में चल रहा है। समस्या मलबे के साथ है, जो धीरे-धीरे साफ हो रही है। यहां पर 27 लोगों जिंदा, 11 की मौत और 153 लापता हैं। 153 में से 40-50 लोग सुरंग में फंसे हुए हैं। शेष के बचने की संभावना है।

प्रधान ने कहा, “एक सुलभता का मुद्दा है, क्योंकि यह एक कठिन इलाक़ा है। सड़क मार्ग से जोशीमठ तक पहुंचने के लिए केवल दो टीमें ही काम कर सकती हैं, शेष टीमों को एयरलिफ्ट किया गया। यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि कब तक, लेकिन बचाव अभियान में संभवतः 24-48 घंटे लग सकते हैं।”

1 किलोमीटर से ज्यादा तक की मिट्टी को किया साफ
NDRF के DG एस.एन. प्रधान ने कहा कि अभी हमारा पूरा ध्यान 2.5 किलोमीटर लंबी सुरंग के अंदर फंसे हुए लोगों को बचाने पर है। सभी टीमें उसी काम में लगी हुई हैं। सुरंग में 1 किलोमीटर से ज्यादा तक की मिट्टी को हटा दिया गया है। जल्द ही हम उस स्थान तक पहुंच जाएंगे, जहां पर लोग जीवित हैं।

ITBP द्वारा बचाव कार्यों का जायजा लेते पहुंचे ADG वेस्टर्न कमांड
एडीजी पश्चिमी कमान के मनोज सिंह रावत ने सोमवार को उत्तराखंड के चमोली में तपोवन सुरंग पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) द्वारा बचाव कार्यों का जायजा लिया। बचाव और राहत कार्यों को तेज करते हुए आईटीबीपी ने तपोवन क्षेत्र के पास एक सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए 300 कर्मियों को तैनात किया है।

एक बिजली परियोजना पूरी तरह से बह गई, दूसरी क्षतिग्रस्त
उत्तराखंड चमोली में ग्लेशियर के टूटने से आई भारी बाढ़ ने निर्माणाधीन ऋषिगंगा पनबिजली परियोजना पूरी तरह से बह गई और 530MW धौलीगंगा जल विद्युत परियोजना को भारी नुकसान पहुंचाया है। अधिकारियों ने कहा कि पानी और बोल्डर ऊपरी हिस्से से लुढ़कते हुए रेनी गांव के पास तक पहुंच गए और निर्माणाधीन ऋषिगंगा पूरी तरह से बह गई।

पुलिस ने श्रीनगर डैम के आसपास तलाशी अभियान चलाया
एसडीआरएफ-उत्तराखंड पुलिस का एक दस्ता रविवार को चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र में एक ग्लेशियर के टूटने और तेजी से आए बाढ़ के बाद 150 से अधिक लोगों के लापता होने के बाद श्रीनगर बांध के आसपास तलाशी अभियान चला रहा है।

13 गावों से संपर्क कटा
चमोली की ज़िलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने बताया कि पुल टूटने से जो 13 गांव अलग हो गए हैं। उनके लिए बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है और उन्हें राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। हमारी मेडिकल टीमें भी पहुंच गई हैं। जो लोग अलग-अलग पहाड़ों पर फंसे हुए हैं, उनके लिए भी बचाव कार्य चल रहा है।