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लोहड़ीपर किसानोंने जलायी कृषि कानूनोंकी प्रतियां


कहा-सरकारने पुराने ट्रैक्टरोंपर लगायी रोक,हम चलाकर दिखायेंगे
नयी दिल्ली(आससे)। केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 49वें दिन भी जारी है। दिल्ली की सीमाओं- सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, चिल्ला बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बुधवार को लोहड़ी के मौके पर प्रदर्शनस्थलों पर नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध जताया। इस दौरान किसानों ने कहा कि उन्हें तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। सरकारने दस साल पुराने ट्रैक्टरोंपर रोक लगायी है,हम चलाकर दिखायेंगे। कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान जहां इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। इस दौरान सिंघु बॉर्डर पर डटे किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि हमने तीनों कानूनों की प्रतियां जलाकर सरकार को संदेश दिया है कि इसी तरह ये बिल एक दिन हमारे गुस्से की भेंट चढ़ेंगे और सरकार को कानून वापस लेने पड़ेंगे। 18 जनवरी को महिलाएं पूरे देश में बाजारों में, एसडीएम दफ्तरों और जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन करेंगी। जानकारी के अनुसार, किसान संगठनों ने मंगलवार को ऐलान किया था कि वे सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित कमेटी के सामने पेश नहीं होंगे। उन्होंने आरोप लगाया था कि यह सरकार समर्थक कमेटी है। उन्होंने तीन कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया। हालांकि, कमेटी के सदस्यों की निष्पक्षता पर भी संदेह जताया है। सुप्रीम कोर्ट ने तीन नए कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र सरकार और दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे रहे किसान संगठनों के बीच व्याप्त गतिरोध खत्म करने के इरादे से मंगलवार को इन कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगाने के साथ ही किसानों की समस्याओं पर विचार के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है। ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार सितम्बर में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे। बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।