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वर्ल्ड बैंक को चीन का डर, खुश करने के लिए बढ़ाई थी रैंकिंग, IMF चीफ पर आरोप


  • वॉशिंगटन. इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) चीफ क्रिस्टलीना जॉर्जीवा (Kristalina Georgieva) वर्ल्ड बैंक (World Bank) की एक रिपोर्ट में हेराफेरी करने के विवाद में फंस गईं हैं. उन पर चीन को खुश करने के लिए वर्ल्ड बैंक की ‘डूइंग बिजनेस रिपोर्ट’ (Doing Business Report) में बदलाव करने का आरोप लगा है. जब वह वर्ल्ड बैंक में थी, तब उन्होंने कर्मचारियों पर रिपोर्ट में बदलाव करने के लिए दबाव डाला था. बैंक की जांच रिपोर्ट में जॉर्जिवा ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है. वहीं, वर्ल्ड बैंक ने 2018 से 2020 तक के एडिशन की जांच में अनियमितता पाए जाने के बाद इस ‘डूइंग बिजनेस रिपोर्ट’ को तुरंत बंद करने का फैसला किया है.

क्या है पूरा मामला
वर्ल्ड बैंक की इस फ्लैगशिप रिपोर्ट में देशों को व्यापार नियमों और आर्थिक सुधारों के आधार पर रैंकिंग दी जाती है. इस रिपोर्ट को दिखाकर सरकारें इनवेस्टर को अपने यहां निवेश करने के लिए कहती हैं. लॉ फर्म विल्मरहेल की जांच रिपोर्ट में पाया गया कि बीजिंग ने 2017 में अपनी 78वीं रैंकिंग को लेकर शिकायत की थी और अगले साल उसे इस रैंक में और नीचे दिखाया जाने वाला था.

अक्टूबर 2017 में रिपोर्ट आने के ठीक आखिरी हफ्ते पहले, वर्ल्ड बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष जिम किम और जॉर्जीवा (उस वक्त बैंक की सीईओ थीं) ने अपने स्टाफ को रिपोर्ट की मैथडोलॉजी को बदलने को कहा था, ताकि चीन का स्कोर बेहतर दिखाया जा सके. किम ने चीन के सीनियर अधिकारियों के साथ रैंकिंग के बारे में चर्चा की थी, जो इस रैंकिंग से खुश नहीं थे. फिर उसमें ये मुद्दा उठा कि इस रैंकिंग को कैसे सुधारा जाए?